शिवसेना नेता बाल ठाकरे ने अपनी खास टिप्पणीय अंदाज़ में कांग्रेस नेताओं पर आज पार्टी के मुखपत्र सामना में छींटाकसी की है.
सामना के संपादकीय में कांग्रेस के अधिकवेशन के दौरान भ्रष्टाचार के ज्वलनशील मुद्दे पर कोई भी चर्चा ने किए जाने पर सामना में लिखा है की गड़बड़ घोटाला, भ्रष्टाचार और गैरज़िम्मेदारी कॉग्रेस की परंपरा रही है. इस अधिवेशन में देश की राजकीय परिस्तथिता का जायज़ा लिया गया.
अलग अलग प्रश्नों पर बातचीत की गई. पहले कॉमनवेल्थ और अब आदर्श बिल्डिंग का घोटाला. इन घोटालों की वजह से कांग्रेसी कल्चर और स्सक्रिती का परिचय पूरे देश को आ गया है. ऐसा होते हुए भी सोनिया गांधी अपने पार्टी के लोगों को कांग्रेसी मूल्य का पालन करे एसा आदेश करती है. इससे बड़ा मज़ाक और क्या हो सकता है. कांग्रेस और मूल्य का कहीं मेल नहीं है. संयम, निष्ठा और सीधापन मोहनदास कर्मचंद गांधी के साथ ही खत्म हो गया.
कॉमनवेल्थ और आदर्श बिल्डिंग के घोटालों ने आम लोगों को कॉंग्रेस का मतलब अच्छी तरह से समझा दिया है. अगर कॉंग्रेस सरकार इन घोटालेबाज़ों पर कार्यवाही करती तो कॉंग्रेस की छवी सुधरती. लेकिन सोनिया की बातों से तो लगता है की वो अपने पार्टी के लोगों को ये समझाना चाहती हैं की घोटाला करो...पर उसे लोगों के सामने मत आने दो.
आदर्श घोटाले ने तो कांग्रेस पार्टी का पूरी तरह वस्त्रहरण कर दिया है. शिनसेना को मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के मुस्कुराते चहरे से भी परेशानी है. अखबार में लिखा है की कार्गिल युद्ध में मारे गए लोगों के परिवारों को हड़पनेवाले नेता चव्हाण का मुस्कुराता चेहरा कॉंग्रेस के मूल्यों को अच्छे से दर्शाता है.