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आदर्श सोसायटी घोटाला: सोनिया के साथ प्रणब और एंटनी की बैठक खत्‍म

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुंबई के आदर्श सोसायटी घोटाले संबंधी विवाद में घिरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के भविष्य के बारे में फैसला करने के लिहाज से वरिष्ठ पार्टी नेताओं से बातचीत की.

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुंबई के आदर्श सोसायटी घोटाले संबंधी विवाद में घिरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के भविष्य के बारे में फैसला करने के लिहाज से वरिष्ठ पार्टी नेताओं से बातचीत की.

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी, रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी और कांग्रेस अध्यक्ष के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल ने यहां सोनिया से मुलाकात की और समझा जाता है कि उनके बीच इस मसले पर बातचीत हुई.

यह बैठक उस वक्त हुई जब चव्हाण आज सुबह मुंबई रवाना हो गये.

राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि प्रणव से मुलाकात के लिए चव्हाण राजधानी में रुके हुए थे. वित्त मंत्री कल देर शाम पश्चिम बंगाल से यहां पहुंचे. बैठक में पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने भी हिस्सा लिया, जिनके मंत्रालय की तरफ से मंजूरी भी इस विवाद में एक मुद्दा है.

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चव्हाण ने इस विवादास्पद मसले पर रविवार को सोनिया से मिलकर इस्तीफे की पेशकश की थी. आदर्श हाउसिंग सोसायटी को कारगिल युद्ध के नायकों की विधवाओं और परिवारों के लिए बनाया जाना था लेकिन इसमें अन्य लोगों को कथित तौर पर फ्लैट के आवंटन किए जाने की बात सामने आने के बाद विवाद उठा है.

सोनिया ने प्रणव और महाराष्ट्र में पार्टी मामलों के प्रभारी एंटनी से इस मुद्दे पर पड़ताल करने और रिपोर्ट देने को कहा था.

प्रणव ने कल रात कोलकाता से लौटने के बाद एंटनी से मुलाकात की और कहा कि कथित घोटाले से संबंधित कागजातों को देखने के लिए उन्हें कुछ समय और चाहिए होगा. इस तरह की खबरें हैं कि कांग्रेस और राकांपा के अनेक नेताओं का नाम इस घोटाले में शामिल है जिनमें महाराष्ट्र के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों के भी नाम हैं.

इनमें केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री विलासराव देशमुख, केंद्रीय उर्जा मंत्री सुशील कुमार शिंदे और प्रदेश के वर्तमान राजस्व मंत्री नारायण राणे शामिल हैं. इनके अलावा महाराष्ट्र सरकार के मंत्री अजीत पवार का भी विवाद से नाता माना जा रहा है जो शरद पवार के भतीजे हैं.

देशमुख, राणे और पवार ने इस तरह के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने इस 31 मंजिला इमारत में फ्लैटों के आवंटन के किसी भी मामले में सिफारिश नहीं की. उधर मुख्यमंत्री खेमे में यह सवाल भी उठ रहा है कि जब महाराष्ट्र के अन्य नेताओं के नाम भी मामले में कथित तौर पर शामिल हैं तो चव्हाण के खिलाफ कार्रवाई कैसे हो सकती है.

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