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आदर्श घोटाला: प्रणव-एंटनी मिले, रिपोर्ट में समय लगेगा

मुम्बई में आदर्श हाउसिंग सोसाइटी में कथित अनियमितता के आरोपों में घिरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के भाग्य को लेकर अनिश्चितता बरकरार है क्योंकि मामले की जांच कर रही कांग्रेस की एक उच्च स्तरीय समिति ने कहा कि उसे रिपोर्ट तैयार करने के लिए और समय की जरूरत पड़ेगी.

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मुम्बई में आदर्श हाउसिंग सोसाइटी में कथित अनियमितता के आरोपों में घिरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के भाग्य को लेकर अनिश्चितता बरकरार है क्योंकि मामले की जांच कर रही कांग्रेस की एक उच्च स्तरीय समिति ने कहा कि उसे रिपोर्ट तैयार करने के लिए और समय की जरूरत पड़ेगी.

दो सदस्यीय समिति की अध्यक्षता कर रहे वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कोलकाता से लौटने के बाद समिति के अन्य सदस्य एवं रक्षा मंत्री ए के एंटनी से मुलाकात की. मुखर्जी ने कहा कि उन्हें दस्तावेजों पर गौर करने और कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के लिए रिपोर्ट तैयार करने में थोड़ा समय और लगेगा.

महाराष्ट्र के प्रभारी एंटनी से मुलाकात के बाद मुखर्जी ने संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे दस्तावेजों पर गौर करने के लिए थोड़ा समय और लगेगा लिहाजा मेरे या श्री एंटनी के लिए अभी कुछ कहना मुश्किल होगा.’’

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31 मंजिले आवासीय परिसर घोटाले में नित नए गड़े मुर्दे निकलकर सामने आ रहे हैं. इस परिसर का निर्माण जिस भूमि पर किया गया है वह मूलत: कारगिल युद्ध के नायकों और उनकी विधवाओं के लिए थी. अब इस मामले में एक-दूसरे पर दोष मढ़ने का सिलसिला भी शुरू हो गया है.

देशमुख ने कहा कि उन्होंने 20 लोगों के आशय पत्र (एलओआई) को मंजूर किया था, जो सोसाइटी का सदस्य बनना चाहते थे. लेकिन उन्होंने ऐसा तब किया जब तत्कालीन राजस्व मंत्री और मौजूदा मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कथित तौर पर सिफारिश की थी.

उन्होंने कहा, ‘‘यह सूची मेरी मंजूरी के लिए सिर्फ प्रति हस्ताक्षर के लिए आई थी और आप इसे विश्वास में करते हैं.’ देशमुख का यह बयान उन खबरों के बीच आया है जिसमें कहा गया है कि उनके तीन सहायकों के नाम पर सोसाइटी में फ्लैट है.

देखमुख ने कहा, ‘मैंने किसी के मामले की अनुशंसा नहीं की थी. सोसाइटी में ऐसा कोई नहीं है जो दावा कर सके कि वह मेरा रिश्तेदार है या नजदीकी है. यह मुझे बदनाम करने की साजिश लगती है.’

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