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सायना की सफलता कठोर प्रशिक्षण का परिणाम

छत्तीस वर्षीय कोच को मालूम था कि दुबली-पतली दिखने वाली लड़की में जोरदार प्रयास करने और अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने का माद्दा है. लेकिन उस किशोरी की क्षमता को उभारने के लिए उसकी प्रतिभा और तंदुरुस्ती को बहुत करीने से इस्तेमाल करना होगा.

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छत्तीस वर्षीय कोच को मालूम था कि दुबली-पतली दिखने वाली लड़की में जोरदार प्रयास करने और अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने का माद्दा है. लेकिन उस किशोरी की क्षमता को उभारने के लिए उसकी प्रतिभा और तंदुरुस्ती को बहुत करीने से इस्तेमाल करना होगा.

हैदराबाद के पुलेला गोपीचंद निम्मागड्डा फाउंडेशन बैडमिंटन एकेडमी (पीजीएनएफबीए) में पुलेला गोपीचंद ने बिलकुल यही काम किया. इस एकेडमी में शुरुआत में दाखिला लेने वाली खिलाड़ियों में से एक, सायना 2004 में स्थापित इस एकेडमी में दुनिया की दिग्गज खिलाड़ियों को शिकस्त देने वाले कौशल निखार रही हैं. कोच गोपीचंद उनकी सहज प्रतिभा के साथ अत्याधुनिक तकनीक और रणनीतियों का इस्तेमाल करके यह तय करते हैं कि उनकी शागिर्द कठोर से कठोर प्रशिक्षण हासिल करे.

ऐसे में आश्चर्य नहीं कि सायना अपनी चौंकाने वाली कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता के साथ ''गोपी सर'' को देती हैं. दुनिया में तीसरे नंबर की महिला बैडमिंटन खिलाड़ी सायना कहती हैं, ''मुझे लगता है कि गोपी सर की एकेडमी ज्‍वाइन करना मेरे कॅरियर में अहम मोड़ था. मेरे खेल में इतना बदलाव आ चुका है और वहां खेलने वाले ज्‍यादातर युवकों के साथ ऐसा ही है.''

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पांच एकड़ में पसरी एकेडमी में 35 स्थायी रूप से रहने वाले समेत 120 खिलाड़ी हैं. उसमें आठ बैडमिंटन कोर्ट के अलावा एक वीडियो एनालिसिस रूम, एक जिम्नेजियम, एक स्विमिंग पूल, एक एथलेटिक ट्रैक और एक एयरोबिक्स फैसिलिटी है.एक ओर जहां पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडु ने पीजीएनएफबीए को चलाने वाले ट्रस्ट को जमीन आवंटित की थी,वहीं दवा कंपनी मैट्रिक्स लैबोरेटरीज के प्रोमोटर निम्मगड्डा प्रसाद ट्रस्टी के रूप में बोर्ड में शामिल हो गए और उन्होंने इस एकेडमी के निर्माण के लिए 10 करोड़ रु. का वित्तीय अनुदान दिया.

हालांकि इस एकेडमी की सबसे लोकप्रिय खिलाड़ी सायना हैं लेकिन लड़कों में पी. कश्यप और गुरु साईं दत्त तथा लड़कियों में सिक्की रेड्डी एवं पी.वी. सिंधु ने राष्ट्रीय स्तर पर पहले ही अपनी पहचान बना ली है. गौरवान्वित कोच का कहना है, ''उनमें से करीब 25 में पर्याप्त क्षमता है और हम अगले कुछ साल में उनमें से कुछ को चमकते 'ए देखेंगे.'' ये बातें वह व्यक्ति कह रहा है जिसने पेप्सी का विज्ञापन करने से यह कहकर इनकार कर दिया था कि वह एयरेटेड ड्रिंक्स के खिलाफ हैं. ऐसे में उनकी बातें भारतीय बैडमिंटन के भविष्य के बारे में काफी कुछ बयान करती हैं.>

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