राजनीतिक दलों की लड़ाई अब चुनावी रैलियों तक सीमित नहीं रह गई है बल्कि वर्चुअल स्पेस में भी नेता एक-दूसरे पर निशाना साधने में नहीं चूक रहे हैं. इस कड़ी में कांग्रेस अध्यक्ष एक बाद एक ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर हैं. इस बार उन्होंने PM मोदी पर वित्तीय घोटाले का आरोप लगाया है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी चहेती कंपनी इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (IL&FS) को डूबने से बचाने के लिए आम आदमी की जेब पर डाका डाला है और LIC की किस्त देने वाले लोगों के पैसों से जालसाजों को बचाने का काम किया है. राहुल गांधी ने ट्वीट किया...
मोदीजी, आपकी चहेती निजी कम्पनी ILFS डूबने वाली है। आप LIC का पैसा लगाकर उसे बचाना चाहते हो।क्यों?
LIC देश के भरोसे का चिन्ह है। एक-एक रुपया जोड़कर लोग LIC की पॉलिसी लेते हैं। उनके पैसे से जालसाजों को क्यों बचाते हो?
Advertisementकहीं आपके लिए ILFS का मतलब ‘I Love Financial Scams' तो नहीं?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 30, 2018
इससे पहले राहुल गांधी ने दावा किया था कि IL&FS कंपनी को साल 2007 में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी (गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री) ने 70 हजार करोड़ का गिफ्ट सिटी नाम का प्रोजेक्ट दिया. लेकिन इस प्रोजेक्ट के तहत कोई काम नहीं हुआ, बल्कि इसमें जालसाजियां सामने आईं.
बता दें कि आईएलएंडएफएस में 40 फीसदी हिस्सा एलआईसी, एसबीआई और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया जैसी सरकारी संस्थाओं का है. जिसे लेकर कांग्रेस ने ये सवाल उठाए कि जिस कंपनी में 40 फीसदी हिस्सा सरकारी कंपनियों का है, उस पर 91 हजार करोड़ का कर्ज कैसे चढ़ गया? कांग्रेस ने यह भी बताया कि 91 हजार करोड़ में से 67 करोड़ एनपीए हो चुका है.
कांग्रेस के आरोप
कांग्रेस का आरोप है कि प्रधानमंत्री कार्यालय और वित्त मंत्रालय रिजर्व बैंक, स्टेट बैंक, एलआईसी और एनएचएआई पर दबाव डाल रहे हैं ताकि वो इस कंपनी को बेलआउट कर सकें. कंपनी का 35 फीसदी हिस्सा विदेशी कंपनियों का है, इसलिए इसे बेलआउट करने की कोशिश की जा रही है ताकि विदेशी कंपनियों का पैसा ना डूबे. भारतीय करदाताओं के पैसे से विदेशी कंपनियों की मदद की कोशिश की जा रही है.
3 कंपनियों ने किया IL&FS के राइट्स इश्यू का ऐलान
बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के वित्त-पोषण कारोबार में लगी आईएल एंड एफएस (IL&FS) को अपने मौजूदा शेयरधारकों एलआईसी, ओरिक्स कॉर्प और एसबीआई की ओर से बड़ी राहत मिली है. तीन कंपनियों ने शनिवार को आईएलएंडएफएस के प्रस्तावित 4,500 करोड़ रुपये के राइट्स इश्यू को खरीदने का ऐलान किया है.