जब सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्गों से शराब की दुकानों को हटाने का आदेश दिया था तो सरकार को यह सुनिश्चित करने को कहा था कि वहां से हटाई गई दुकानें को धार्मिक स्थानों, स्कूलों या आबादी वाले इलाकों के आसपास स्थानांतरित नहीं होने दें. लेकिन हुआ इसका बिलकुल उल्टा. राष्ट्रीय राजमार्गों से तो दुकानें हटीं लेकिन स्कूल, कॉलेज के पास पहुंच गई. इसी परेशानी के चलते इलाहाबाद स्कूल, कॉलेज के छात्रों ने आसपास के इलाकों में शराब की दुकानों का विरोध किया.
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में स्कूल और कॉलेज के छात्रों ने अपने क्षेत्र के आसपास शराब की दुकानों की उपस्थिति पर विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शराब की दुकानों को बंद करने की भी मांग की क्योंकि उन्हें कई बार उन लोगों द्वारा उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है. जिन्होंने कथित रूप से उन पर टिप्पणियां की थीं.
छात्रों ने कहा कि स्कूल और कॉलेज परिसर के आसपास सभी कानूनी शराब और अवैध शराब की दुकानों पर प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल और जिला मजिस्ट्रेट के सामने अपनी मांगों की आवाज उठाई है. उत्तर प्रदेश सरकार ने बोला था कि धार्मिक स्थानों, स्कूलों या आबादी वाले इलाकों में शराब की दुकानों की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसके बाद भी ऐसे शराब की दुकानें कथित तौर पर चल रही है. महिलाओं के खिलाफ बढ़ते आपराधिक मामलों को देखते हुए ये ज़रूरी है कि सरकार और प्रशासन इस पर सख्त और कड़े कदम उठाए.