कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने गरीबी पर नया बयान देकर संभवत: एक और विवाद को जन्म दे दिया है. उन्होंने कहा है कि गरीबी पर सिर्फ आत्मविश्वास के बूते काबू पाया जा सकता है.
यहां एक सेमिनार में उन्होंने कहा, ' गरीबी एक मानसिक अवस्था है. खाना, पैसे और भौतिक चीजों की कमी से इसका कोई लेना-देना नहीं है. अगर आप में आत्मविश्वास है तो आप गरीबी से उबर सकते हैं.'
राहुल ने समाज के वंचित वर्ग के उत्थान में स्वयं-सहायता समूहों की भूमिका की सराहना की और कहा वे गरीबी से उबरने में गरीबों को आत्मविश्वास प्रदान करते हैं.
यह सेमिनार जाने-माने समाज विज्ञानी बद्री नारायण की ओर से आयोजित की गई थी. सेमिनार में राहुल के हवाले से नारायण ने कहा, 'मैं अपनी व्यवस्था की कमजोरियों को समझता हूं. मैं लोगों की मदद की भरपूर कोशिश करूंगा पर जब तक वंचित वर्ग की आवाज अंदर से नहीं आएगी, कुछ नहीं किया जा सकता.'
इस संदर्भ में राहुल ने अमेठी की एक गरीब महिला का उदाहरण दिया जिसने स्वयं-सहायता समूह राजीव गांधी महिला विकास परियोजना से खुद को जोड़कर अपना आत्म-सम्मान हासिल किया था.