नोटबंदी को लेकर सड़कों पर हाहाकार मचा है. लोग पूछ रहे हैं कि आखिर आम आदमी ही क्यों परेशान हो? आखिर क्यों कोई नेता कतार में नहीं खड़ा है? सड़क पर नेता भले ही नजर नहीं आए मगर संसद में एक अलग ही तस्वीर देखने को मिली. शीतकालीन सत्र के पहले दिन जब सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर मोर्चा खोलने में लगे थे उसी दौरान संसद में स्थित स्टेट बैंक आफ इंडिया ब्रांच में सांसद लाइन में खड़े थे.
यूपी के सिद्धार्थनगर से सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि भतीजी की शादी है इसलिए पैसे बदलवाए. भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा भी बैंक में नजर आए. सीपीएम के नेता डी राजा से जब पूछा गया कि उनकी जेब में कितने पैसे हैं तो उन्होंने जेब से सौ-सौ रुपये के नोट निकाले. गिनती करने पर कुल 1200 रुपये हुए. राजा ने कहा कि वे एटीएम की लाइन में खड़े थे, तभी दोस्त ने उधारी दे दी.
अमर सिंह ने कहा- 'जो ईमानदार है उसको क्या परेशानी हो सकती है. काला धन वालों को दिक्कत होगी' फिर मुस्कुराते हुए 100 रुपयों की गड्डी दिखा दी. टीएमसी के राज्य सभा सांसद डेरेक ओ ब्राइन ने कहा- 'मेरा हाल ये है कि मैं एक बार पहले बैंक से पैसा निकाल चुका हूं, पर अब फिर खत्म हो गया तो आज फिर एटीएम जाउंगा. सोचिए आम जनता कितनी त्रस्त होगी?'