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PM खुद करेंगे शी का स्वागत, भारत-चीन के बीच बौद्ध धर्म को बताया मजबूत बंधन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को खुद चीन के राष्ट्रपति का स्वागत करेंगे. पीएम ने इस बाबत ट्वीट करते हुए लिखा कि उन्हें उम्मीद है कि शी चिनपिंग की यात्रा से दोनों देशों के रिश्ते मजबूत होंगे. मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा कि भारत और चीन के बीच बौद्ध धर्म का मजबूत बंधन है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फाइल फोटो
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फाइल फोटो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को खुद चीन के राष्ट्रपति का स्वागत करेंगे. पीएम ने इस बाबत ट्वीट करते हुए लिखा कि उन्हें उम्मीद है कि शी चिनपिंग की यात्रा से दोनों देशों के रिश्ते मजबूत होंगे. मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा कि भारत और चीन के बीच बौद्ध धर्म का मजबूत बंधन है.

सोमवार को ट्विटर पर प्रधानमंत्री ने लिखा, '17 को मैं अहमदाबाद में राष्ट्रपति शी जिनपिंग का स्वागत करूंगा. मुझे उम्मीद है कि उनकी यात्रा से दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध बनेंगे.' मोदी ने अपने एक अन्य ट्वीट में लिखा, 'भारत और चीन के बीच बौद्ध धर्म एक मजबूत बंधन है. यहां तक कि गुजरात में भी बौद्ध धर्म की विरासत है.'

 

 

सीमा मुद्दे पर होगी चर्चा
दूसरी ओर, भारत ने उम्मीद जताई कि इस यात्रा में दोनों देशों के हितों और चिंताओं पर ध्यान दिया जाएगा और संबंधों पर असर डालने वाले सभी मूलभूत मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. इसमें सीमा मुद्दा भी शामिल है. भारत की ओर से यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब लेह में स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि चीन के नागरिक सरकारी वाहनों में लद्दाख के डेमचोक में भारतीय क्षेत्र में घुस आए हैं और स्थानीय लोगों को वहां एक सिंचाई परियोजना पर काम करने से रोक रहे हैं.

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हालांकि इन घुसपैठों के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने सीधा जवाब न देते हुए सिर्फ इतना कहा कि भारत की मजबूत सुरक्षा किसी भी हालात से निपटने में सक्षम है. उन्होंने कहा, 'निश्चित रूप से सीमा के सवाल समेत अनसुलझे मुद्दे हैं. हां, इन पर चर्चा की जाएगी.' शी की उच्चस्तरीय यात्रा से अपेक्षाओं के सवाल पर प्रवक्ता ने कहा, 'प्रमुख अपेक्षा यह है कि हम एक दूसरे के हितों और चिंताओं के मुद्दों पर ध्यान दें. समाधान का रास्ता इन मुद्दों पर ध्यान देना शुरू करने पर आधारित है.'

मोदी और शी की मुलाकात के एजेंडे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'भारत और चीन के हित के सभी मूलभूत मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.' कश्मीर, तिब्बत और स्टेपल किए हुए वीजा के विषय पर बातचीत के बारे में अकबरुद्दीन ने कहा कि दोनों देश एक दूसरे की संवेदनशीलताओं को जानते हैं और दोनों देशों का इरादा उसके अनुसार मुद्दों पर प्रयास करने और काम करने का है.

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