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कोरोना संकट पर PM मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन में बात, वैक्सीन और दवा की होगी मदद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच सोमवार को फोन पर बातचीत हुई. बताया जा रहा है कि दोनों के बीच भारत में कोरोना संकट को लेकर बात हुई.

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प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (तस्वीर सितंबर 2014 की है. फोटो- ट्विटर)
प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (तस्वीर सितंबर 2014 की है. फोटो- ट्विटर)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की बीच सोमवार को फोन पर बात हुई. दोनों नेताओं के बीच अपने-अपने देशों में कोरोना के हालातों को लेकर चर्चा हुई. पीएम मोदी ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ कोरोना संकट को लेकर बात हुई. पीएम मोदी ने बताया कि आज शाम को उनकी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से फोन पर बात हुई. इस दौरान दोनों के बीच कोरोना संकट को लेकर चर्चा हुई. इस संकट की घड़ी में भारत का साथ देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने जो बाइडेन का धन्यवाद दिया.

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन के बीच वैक्सीनेशन, दवाओं और हेल्थकेयर इक्विपमेंट की सप्लाई को लेकर बातचीत हुई. इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने भरोसा दिलाया कि इस संकट की घड़ी में अमेरिका उसके साथ है. उन्होंने ये भी कहा कि अमेरिका वेंटिलेटर्स और अन्य इक्विपमेंट्स भी भारत को देगा. साथ ही कोविशील्ड वैक्सीन के प्रोडक्शन के लिए कच्चे माल को भी जल्द से जल्द उपलब्ध कराया जाएगा.

पीएम मोदी ने इसको लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन और अमेरिका का धन्यवाद दिया. पीएम मोदी ने उन्हें वैक्सीन मैत्री के बारे में भी बताया. उन्होंने बताया कि कोवैक्स और क्वाड वैक्सीन इनिशिएटिव के जरिए भारत दूसरे देशों को भी कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध करवा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से वैक्सीन और दवाएं बनाने के लिए कच्चे माल की आपूर्ति सुनिश्चित करने को भी कहा.

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दोनों नेताओं के बीच ये भी बात हुई कि कोरोना जैसी महामारी से निपटने और वैक्सीन डेवलपमेंट के लिए भारत-अमेरिका के कितने बड़े साझीदार साबित हो सकते हैं. प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच ये भी तय हुआ कि कोरोना संकट से निपटने के लिए दोनों नेता लगातार एक-दूसरे के संपर्क में रहेंगे.

कोरोना से लड़ाई में अमेरिका भारत के साथ
कोरोना से लड़ाई में वैक्सीन को सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है. लेकिन अभी तक वैक्सीनेशन ड्राइव में अमेरिकी राष्ट्रपति ही रोड़ा बने हुए थे. उन्होंने वैक्सीन के कच्चे माल के निर्यात पर रोक लगा रखी थी. जिस वजह से भारत में कोविशील्ड वैक्सीन का प्रोडक्शन ज्यादा मात्रा में नहीं हो पा रहा था. लेकिन रविवार को एनएसए अजित डोभाल ने अमेरिकी एनएसए जेक सुलिवन से बात की थी. जिसके बाद अमेरिका ने वैक्सीन के कच्चे माल के निर्यात पर लगी रोक को हटाने को तैयार हो गया था. इतना ही नहीं, अमेरिका की तरफ से मदद की पहली किस्त सोमवार को दिल्ली भी पहुंच गई. अमेरिका ने भारत की मदद के लिए 319 ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर भेजे थे. इनके अलावा वेंटिलेटर, रैपिड टेस्ट किट्स भी भेजी जा रही हैं.

 

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