भारत में अचानक 8 नवंबर को 500 और 1000 के नोट बंद कर देने से देश में खलबली मच गई. मोदी सरकार के इस फैसले पर एक तरफ जहां विपक्ष ने जनता की असुविधा का हवाला देकर शीतकालीन सत्र चलना मुहाल कर दिया, दूसरी तरफ कई समाचार पत्रों ने सरकार के इस फैसले पर जनता की राय जानने के लिए सर्वे करवाए. इन सर्वेक्षणों में जनता काले धन के खिलाफ उठाए गए इस कदम पर परेशानी के बावजूद सरकार के साथ खड़ी नजर आई.
87 फीसदी लोगों ने नोटबंदी को सही ठहराया
भारत में 500-1000 की नोटबंदी को लेकर अमेरिकी अखबार हफिंगटन पोस्ट ने सर्वे करवाया. इस सर्वे में 87 फीसदी लोगों ने माना कि नोटबंदी के इस फैसले से काला धन रखने वाले प्रभावित हुए हैं. इस कदम से हुई असुविधा के बावजूद काले धन के खिलाफ ये लड़ाई कारगर है.
91 प्रतिशत ने माना जरूरी थी नोटबंदी
दैनिक भास्कर अखबार के मुताबिक नोटबंदी को लेकर किए गए सर्वे में 91.3 प्रतिशत लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के फैसले का समर्थन किया. चार दिन की अवधि में 772 लोग इस रायशुमारी में शामिल हुए. इसमें पूछा गया था कि पीएम मोदी के नोटबंदी के निर्णय से आप सहमत है या असहमत. इस फैसले पर 91 फीसदी लोगों ने सहमति जताई.
82 फीसदी ने किया नोटबंदी का समर्थन
दैनिक जागरण में छपी खबर के अनुसार इनशॉर्ट्स और इप्सॉस द्वारा किए गए सर्वेक्षण में 82 फीसदी लोगों ने 500-1000 के नोट वापस लेने का समर्थन किया. इस सर्वे के मुताबिक 84 फीसदी लोगों का मानना है कि सरकार काले धन पर रोक लगाने के लिए गंभीर है. नोटबंदी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के फौरन बाद आठ और नौ नवंबर को यह सर्वे किया गया था. एप के जरिये किए गए इस सर्वे में 2,69,393 लोगों ने भाग लिया था.