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हंगामे के कारण नहीं चल सका प्रश्नकाल, कार्यवाही बाधित

सरकार के अंदर कथित भ्रष्टाचार को लेकर प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे बीजेपी सांसदों के हंगामे के कारण सोमवार को राज्यसभा की बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई और प्रश्नकाल नहीं चल पाया.

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संसद
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सरकार के अंदर कथित भ्रष्टाचार को लेकर प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे बीजेपी सांसदों के हंगामे के कारण सोमवार को राज्यसभा की बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई और प्रश्नकाल नहीं चल पाया.

सदन की बैठक शुरू होने पर जैसे ही सभापति मोहम्मद हामिद अंसारी ने प्रश्नकाल शुरू करने का ऐलान किया, बीजेपी सदस्य सरकार के अंदर कथित भ्रष्टाचार को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग को लेकर नारे लगाने लगे और आसन के समक्ष आ गए.

सभापति ने आसन के समक्ष नारे लगा रहे सदस्यों से कहा कि वह अपने स्थानों पर लौट जाएं और प्रश्नकाल चलने दें. उन्होंने कहा ‘कभी तो प्रश्नकाल चलने दीजिये.’ इसी बीच अन्नाद्रमुक सदस्य भी आसन के समक्ष आ कर प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग करने लगे. माकपा सदस्य अपने स्थानों पर खड़े हो कर कोई मुद्दा उठाते देखे गए.

अपनी बात का असर न होते देख सभापति ने बैठक शुरू होने के चंद मिनट के भीतर ही कार्यवाही दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

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दोपहर 12 बजे सदन की बैठक शुरू होते ही बीजेपी सदस्य कोल ब्लाक तथा रेलवे रिश्वत मामले में प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे. उनके साथ ही शिरोमणि अकाली दल के सदस्य भी 1984 के सिख विरोधी दंगों की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराए जाने की मांग को लेकर आसन के समक्ष आ गए. सपा सदस्य भी आसन के समक्ष आकर सच्चर समिति की सिफारिशों को लागू करने की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे. वाम सदस्य भी आसन के समक्ष आकर रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर नारे लगाते देखे गए.

हंगामे के बीच ही पीठासीन सभापति गिरिजा व्यास ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और हंगामा थमता नहीं देख बैठक कुछ ही देर बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

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