चुनाव आयोग ने कहा है कि दिल्ली के वोटर लिस्ट में 1 लाख 20 हजार से ज्यादा नामों को एक से अधिक बार पाया गया है. आयोग ने इस बात पर जोर दिया कि आगामी विधानसभा चुनावों में फर्जी मतदान रोकने के लिए कई तरह के कदम उठाए गए हैं. फरवरी में पता चल जाएगा दिल्ली में होगी किसकी सरकार
चुनाव आयोग का यह जवाब आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की उस शिकायत के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि दिल्ली की मतदाता सूची में बड़ी संख्या में फर्जी वोटरों के नाम हैं. आयोग ने इन दोनों दलों को लिखा है कि वोटर लिस्ट में 120605 नाम एक से अधिक बार पाए गए हैं.
दिल्ली के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी राजेश गोयल द्वारा आयोग को लिखे गए एक पत्र का हवाला देते हुए चुनाव आयोग ने दोनों दलों से कहा कि 89017 एंट्री को सुधार दिया गया है. अंतिम मतदाता सूची में उसे जगह दी गई है. बाकी का प्रकाशन नामांकन के अंतिम दिन किया जायेगा. चुनाव आयोग की यह पहल आने वाले दिनों में दिल्ली में विधनसभा चुनाव की घोषणा की उसकी योजना के पहले हुई है.
चुनाव आयोग द्वारा दिल्ली में फरवरी के बीच में विधानसभा चुनाव कराए जाने की संभावना है. दिल्ली में अभी राष्ट्रपति शासन लागू है.
पांच जनवरी को प्रकाशित दिल्ली के मतदाताओं की अंतिम सूची के मुताबिक, शहर में कुल 13085251 मतदाता हैं, जिसमें 7260633 पुरुष और 5824618 महिला मतदाता हैं. पिछले साल 15 अक्टूबर को शुरू हुए मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया के दौरान दिल्ली चुनाव आयोग ने नामों के दोहराव का पता लगाने वाले सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया था, जिसके बाद उसे लिस्ट में संभावित दोहराव का पता चला.
दिल्ली निर्वाचन आयोग ने इस तरह के दोहराव के कारणों का पता लगाने के लिए प्रत्येक जिले में एडीएम स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में जांच कराई. इसने कहा कि पहली नजर में मतदाता सूची में गड़बड़ी के कुछ मुख्य कारण मतदाता द्वारा कई बार आवेदन करना, डाटा इंट्री के स्तर पर गड़बड़ी और तकनीकी गड़बडी हो सकती है.
फर्जी मतदान की आशंकाओं को खारिज करने का प्रयास करते हुए आयोग ने कहा कि मतदान करने वालों की उंगलियों में स्याही की गहरी परत लगाने के सख्त निर्देश दिए गए हैं. फर्जी मतदान करने पर एक साल तक की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकता है. आम आदमी पार्टी ने पिछले सप्ताह चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाकर आरोप लगाया था कि राजधानी में करीब तीन लाख से ज्यादा लोगों के पास एक से ज्यादा मतदाता पहचान पत्र हैं. पार्टी ने इसे दुरुस्त करने की मांग की थी. कांग्रेस ने भी चुनाव आयोग के सामने फर्जी मतदाताओं का मुद्दा उठाया था.
---इनपुट भाषा से