अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा एक विशेष भावना के तहत अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन द्वारा भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा के सम्मान में आयोजित किए जा रहे स्वागत समारोह में शामिल होंगे. इस दौरान वह रक्षा व्यापार उर्जा तथा जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में भारत-अमेरिका सहयोग के अवसरों पर प्रकाश डालेंगे.
प्रोटोकाल को दरकिनार करते हुए ओबामा व्हाइट हाउस से अमेरिकी विदेश मंत्रालय के फॉगी बॉटम मुख्यालय पहुंचेंगे और विदेश मंत्री एसएम कृष्णा तथा उनके प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के लिए आयोजित हो रहे स्वागत समारोह में हिस्सा लेंगे.
भारतीय प्रतिनिधिमंडल यहां पहली भारत-अमेरिका सामरिक वार्ता में शामिल होने आया है.
अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता माइक हैमर ने कहा ‘‘राष्ट्रपति विदेश विभाग जाएंगे जहां वार्ता होनी है. द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने में वह व्यक्तिगत रुचि ले रहे हैं.’’ सामरिक वार्ता के खत्म होने पर ओबामा कृष्णा के नेतृत्व में आए भारतीय प्रतिनिधिमंडल और अपने प्रशासन के सदस्यों से व्यक्तिगत तौर पर बात करेंगे.{mospagebreak}
हैमर ने बताया ‘‘राष्ट्रपति (ओबामा) भारतीय और अमेरिकी प्रतिनिधियों से बातचीत करने के अवसर का इस्तेमाल रक्षा व्यापार उर्जा और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में संभावना और घनिष्ठतम सहयोग पर प्रकाश डालने के लिए करेंगे.’’
कृष्णा के सम्मान में आज रात आयोजित होने जा रहे स्वागत समारोह में शामिल होने की ओबामा की भावना को अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से एक दुर्लभ कदम माना जा रहा है. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान, ईरान, पश्चिम एशिया और कोरिया प्रायद्वीप जैसे मुद्दों पर जोर डालने में अपना काफी समय खर्च करने के बावजूद ओबामा ने भारत के साथ सामरिक संबंध स्थापित करने में व्यक्तिगत रुचि का प्रदर्शन किया है.
मंगलवार को राजनीतिक मामलों के उप विदेश मंत्री विलियम बर्न्स ने कहा था कि पिछले दो राष्ट्रपतियों बिल क्लिंटन और जॉर्ज डब्ल्यू बुश की तरह ही ओबामा भी इस बात को अच्छी तरह समझते हैं कि एक विश्व शक्ति के रूप में भारत के उभार से अमेरिका के क्या हित जुड़े हुए हैं.{mospagebreak}
विदेश मामलों की परिषद में बर्न्स ने कहा था ‘‘जब उन्होंने (ओबामा) पिछले साल प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अपने पहले राजकीय अतिथि के रूप में व्हाइट हाउस आमंत्रित किया तो राष्ट्रपति ने अमेरिका-भारत भागीदारी को 21वीं सदी की निर्धारक भागीदारियों में से एक बताया था.’’ पिछले हफ्ते जारी नयी राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में भी ओबामा ने इस बात को रेखांकित किया कि भारत के साथ साझेदारी बढ़ाना उनकी उच्चतम प्राथमिकताओं में से एक है.
विशेषकर ओबामा ने भारत को एक अत्यावश्यक भागीदार बताया.