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नोएडा पुलिस ने गर्भवती महिला को बेरहमी से पीटा

नोएडा पुलिस पर एक बार फिर हैवानियत का आरोप लगा है. पुलिस पर इल्जाम है कि हत्या के एक आरोपी की गर्भवती बेटी के साथ बदतमीजी की और उसे धक्का दे दिया. पुलिस की धक्कामुक्की के कारण उस महिला का गर्भपात हो गया.

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नोएडा पुलिस पर एक बार फिर हैवानियत का आरोप लगा है. पुलिस पर इल्जाम है कि हत्या के एक आरोपी को कुर्की जब्ती की नोटिस देने गए पुलिसवालों ने उसकी गर्भवती बेटी के साथ बदतमीजी की और उसे धक्का दे दिया. पुलिस की धक्कामुक्की के कारण उस महिला का गर्भपात हो गया.

पीड़ित महिला का नाम प्रियंका है.  पुलिसवाले उसकी पिता की फरारी पर उसके घर की कुर्की का नोटिस लेकर आए थे. प्रियंका ने जब पुलिसवालों से कुछ पूछा तो आईओ ने उसे जोर से धक्का दे दिया और उसके बाद दारोगा ने उसे लात से भी मारा.

गर्भपात के बाद प्रियंका को लेकर घरवाले अस्पताल पहुंचे. लेकिन यहां भी घंटो बिठाए रखने के बाद डॉक्टरों ने सफेद पर्ची पर दवा लिख कर दे दी. मगर सही इलाज नहीं करने के प्रियंका के आरोप को डॉक्टर तो गलत बता ही रहे हैं है साथ ही पुलिस भी इस बात को मानने को तैयार नहीं कि गर्भपात पुलिसवाले की पिटाई से हुई है. नोएडा पुलिस का कहना है कि प्रियंका यह आरोप कुर्की के मामले को उलझाने के लिए लगा रही है.

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प्रियंका के घरवालों ने बताया कि उसके पिता को हाजिर कराने के लिए पंद्रह दिन का वक्त मांगा था और डीआईजी के कहने पर एएसपी ने उनकी फरियाद मान भी ली थी. लेकिन जांच अधिकारी अपनी मनमानी करता रहा. पुलिस की हैवानियत के खिलाफ अब एक समाजसेवी संस्था प्रियंका को लेकर महिला आयोग का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रही है.

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