भारतीय जनता पार्टी से राज्यसभा के सांसद चंदन मित्रा ने ऐसा बयान दिया है जिस पर सियासी पारा चढ़ना तय है. उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की पीएम दावेदारी का विरोध करने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता और वरिष्ठ अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन से भारत रत्न वापस ले लेने की बात कही है.
चंदन मित्रा ने 23 जुलाई को ट्वीट किया, 'अमर्त्य सेन कहते हैं कि वे नहीं चाहते कि मोदी भारत के पीएम बनें. क्या सेन भारत के मतदाता हैं? अगली एनडीए सरकार को उनसे भारत रत्न वापस ले लेना चाहिए.'
गौरतलब है कि अमर्त्य सेन ने सोमवार को कहा था कि वो गुजरात के मुख्यमंत्री और बीजेपी चुनाव समिति के अध्यक्ष नरेंद्र मोदी को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में नहीं देखना चाहते. एक अंग्रेजी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में अमर्त्य सेन ने कहा था, 'एक भारतीय नागरिक होने के नाते मैं नहीं चाहता कि मोदी पीएम बनें. उन्होंने अल्पसंख्यकों को सुरक्षित महसूस कराने के लिए बहुत कुछ नहीं किया है.'
चंदन मित्रा यहीं नहीं रुके. उन्होंने इस मुद्दे पर कुल चार ट्वीट किए. अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'डॉ. सेन कृपया करके आप अपनी अवांछित टिप्पणी भारत पर न थोपें. हम सभी आपको गुजरे जमाने के अर्थशास्त्री के तौर पर जानते हैं जो इन दिनों अपनी आजीविका के लिए कांग्रेस की विचारधारा बेचता है.'
इसके बाद आया उनका तीसरा ट्वीट जिसमें उन्होंने अपने पहले दोनों ट्वीटों को सही ठहराते हुए कहा, 'वे लोग जो अमर्त्य सेन और भारत रत्न को लेकर मेरे बयान से निराश हैं, क्या आप मुझे किसी और आदमी का नाम बता सकते हैं जिसने भारत रत्न जीतने के बाद पार्टी आधारित राजनीति में हिस्सा लिया हो.'
अपने आखिरी ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'भारत रत्न सम्मान पूरे देश का गहना है. भारत रत्न विजेता को किसी भी पार्टी या नेता के खिलाफ नहीं बोलना चाहिए. डॉं. सेन को कांग्रेस की चुनावी टीम का हिस्सा नहीं बनना चाहिए.'
चंदन मित्रा ने तो ट्वीट करके अपनी बात कह दी है. अब यह देखना होगा कि क्या अमर्त्य सेन के बयान पर बीजेपी की आधिकारिक लाइन भी यही है. चाहे जो भी हो मोदी के नाम पर शुरू हुआ ये विवाद इतनी जल्दी नहीं थमने वाला.