नोबल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने सोमवार को कहा कि वो गुजरात के मुख्यमंत्री और बीजेपी चुनाव समिति के अध्यक्ष नरेंद्र मोदी को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में नहीं देखना चाहते.
अंग्रेजी न्यूज चैनल सीएनएन-आईबीएन को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में मशहूर अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा, 'एक भारतीय नागरिक होने के नाते मैं नहीं चाहता कि मोदी पीएम बनें. उन्होंने अल्पसंख्यकों को सुरक्षित महसूस कराने के लिए बहुत कुछ नहीं किया है.'
अमर्त्य सेन ने नरेंद्र मोदी के विकास के मॉडल की भी आलोचना की और कहा कि वे उनके मॉडल के पक्ष में नहीं हैं. दिलचस्प बात यह है कि सेन ने बिहार के विकास मॉडल की तारीफ करते हुए कहा कि विकास को सामाजिक बदलावों से अलग करके नहीं देखा जा सकता.
सेन का बिहार मॉडल की तारीफ करना अहम माना जा रहा है क्योंकि 2014 के आम चुनावों के मद्देनजर यह सवाल उठ रहा है कि विकास का कौन सा मॉडल बेहतर होगा. एक है इनक्लूसिव मॉडल जिसकी नुमाइंदगी का दावा केंद्र की यूपीए सरकार और बिहार की नीतीश सरकार करती है. इस मॉडल का समर्थन सेन भी कर रहे हैं. दूसरा है गुजरात मॉडल जिसमें उच्च विकास दर को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है क्योंकि इसे गरीबी मिटाने का उपाय माना जाता है. इस मॉडल का समर्थन जगदीश भगवती और अरविंद पंगरिया जैसे दिग्गज अर्थशास्त्रियों ने किया है.