एनडीए सरकार आने वाले वक्त में चुनाव सुधार के लिए काम करेगी. 'नेशनल ज्यूडिसियल अपॉइनट्मेंट कमीशन' का रास्ता साफ हो जाने के बाद इसकी संभावना काफी बढ़ गई है. नए सुधारों के मुताबिक, अपराध के मामलों में उम्मीदवार के खिलाफ चार्जशीट दायर हो जाने पर चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जा सकती है.
अंग्रेजी अखबार 'टाइम्स अॉफ इंडिया' की खबर के मुताबिक, केन्द्र सरकार चुनाव सुधार पर लॉ कमीशन द्वारा तैयार की जा रही रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. 'रिप्रजेंटेशन अॉफ पीपल एक्ट' पर अपनी सिफारिशें देने से पहले लॉ कमीशन अक्टूबर में बैठक करेगा. इस एक्ट के तहत ही विधानसभा और संसदीय चुनाव कराए जाते हैं.
लॉ पैनल के सुझावों में एक उम्मीदवार के दो लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का प्रस्ताव भी है. पिछले संसदीय चुनावों में नरेंद्र मोदी वाराणसी और वड़ोदरा सीट से चुनाव लड़े और जीते थे. समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव भी दो सीटों से लड़े और चुनाव जीते. कमीशन ने सीट छोड़े जाने पर कराए जाने वाले उपचुनाव के खर्चे को रोकने के लिए इसका सुझाव दिया.
कमीशन किसी गंभीर अपराध में उम्मीदवार के खिलाफ कोर्ट में आरोप साबित हो जाने पर उम्मीदवारी खारिज करने के पक्ष में है. कमीशन की रिपोर्ट के बाद जो चुनाव सुधार हो सकते हैं, उनमें चुनाव अभियान में खर्च की सीमा तय करना, गलत हलफनामा दाखिल करने पर उम्मीदवारी खारिज करना शामिल हैं.
इसके अलावा किसी उम्मीदवार और राजनीतिक पार्टी के स्टेट फंडिंग पर भी जोर देने की बात कही गई है. पार्टी या उम्मीदवार को चुनाव के दौरान मिलने वाले चंदे में पारदर्शिता ज्यादा रखने का प्रस्ताव कमीशन की ओर से दिया जा सकता है. चुनाव से पहले अखबारों में सरकार द्वारा उपलब्धियां गिनाते हुए विज्ञापनों पर किए जाने वाले खर्च की सीमा तय करने का भी प्रस्ताव है.