नई दिल्ली में एक इस्लामिक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक अलग अंदाज देखने को मिला. पीएम मोदी ने यहां जॉर्डन किंग जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय बिन अल हुसैन समेत कई भारतीय इस्लामिक स्कॉलरों की मौजूदगी में भारत और इस्लाम के महत्व को बताया. भाषण में जिस तरह पीएम मोदी ने उर्दू लहजे का इस्तेमाल किया वो सोशल मीडिया का विषय बन गया.
प्रधानमंत्री जिस दौरान भाषण दे रहे थे उन्होंने कई बातों का जिक्र किया. मोदी ने कहा कि हमारे देश में 'मंदिर में दिया, मस्जिद में सजदा, चर्च में प्रार्थना,गुरुद्वारे में सबद' की जाती है.
वहीं पीएम ने भारत की विविधता का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे देश में होली का त्योहार, बौद्ध नववर्ष शुरू हुआ, माह के अंत में गुड फ्राइडे, बुद्ध जयंती, रमजान, इद उल फितर...कुछ उदाहरण हैं जो शांति और सौहार्द के पर्व हैं.
पीएम की इन्हीं बातों को सोशल मीडिया ने लपका. कुछ लोगों ने पीएम के इस अंदाज की तारीफ की तो कुछ ने आलोचना भी की. सोशल मीडिया पर एक यूज़र ने लिखा कि ''संघ वाले पीएम इस्लाम की बात कर रहे हैं, देश में काफी कुछ बदल रहा है''.
वहीं ट्विटर पर एक व्यक्ति ने ट्वीट किया, '' हिंदूवादी प्रधानमंत्री ईद, रमजान, गुड फ्राइडे की बात कर रहे हैं, लेकिन अपनी बात में हिंदू नववर्ष (विक्रम संवत) का जिक्र करना ही भूल गए''. एक व्यक्ति ने लिखा कि मोदी का इस्लाम पर बोलना कुछ इसी तरह का है, जैसा कि ट्रंप का गन नीति पर बोलना हो.
भारत ने दिखाई अमन की राहIt's quite laughable and ironic that Modi is giving speech on Islamic heritage. Kind of like Trump speaking on importance of anti gun laws
— the black sky (@theBlackkSky) March 1, 2018
पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने दुनिया को अमन की राह दिखाई. भारत की आबोहवा में सभी धर्मों की खुशबू है. दिल्ली सूफियाना की जगह है, यहां हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह भी है. पीएम ने कहा कि सांस्कृतिक विविधता ही हमारी पहचान है.