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चीन के मुस्लिम आतंकियों ने पाकिस्तान में बनाया ठिकाना: रिपोर्ट

चीन में पृथक मुस्लिम बहुल प्रांत जिनजियांग की मांग को लेकर लड़ाई लड़ रहे ईस्ट तुर्किस्‍तान इस्लामिक मूवमेंट (ईटीआईएम) से जुड़े आतंकवादी बड़ी संख्या में पाकिस्तान ‘‘भाग’’ रहे हैं और अपनी भविष्य की साजिशों को अंजाम देने के लिए वहां ठिकाने बना रहे हैं.

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चीन में पृथक मुस्लिम बहुल प्रांत जिनजियांग की मांग को लेकर लड़ाई लड़ रहे ईस्ट तुर्किस्‍तान इस्लामिक मूवमेंट (ईटीआईएम) से जुड़े आतंकवादी बड़ी संख्या में पाकिस्तान ‘‘भाग’’ रहे हैं और अपनी भविष्य की साजिशों को अंजाम देने के लिए वहां ठिकाने बना रहे हैं.

सरकारी दैनिक समाचार पत्र ने आज जिनजियांग की राजधानी उरुम्की में हुए खूनी दंगों के एक वर्ष पूरा होने पर, प्रमुख समाचार के तौर पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसके अनुसार ईटीआईएम का तालिबान और ओसामा बिन लादेन से करीबी रिश्ता है. गौरतलब है कि उरुम्की में हुए इस खूनी संघर्ष में 200 लोग मारे गए थे.

रिपोर्ट में ईटीआईएम के नेताओं के पाकिस्तान में छिपने की भी खबर दी गई है. खबर में कहा गया है कि तालिबान बल में करीब 320 ईटीआईएम सदस्यों वाली एक ‘चीनी पलटन’ भी बनाई गई है.

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ईटीआईएम के ये लड़ाके भविष्य की रणनीति बनाने के लिए पाकिस्तान भाग कर वहां अपना ठिकाना बना रहे हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि ईटीआईएम सदस्यों के लिए पाकिस्तान में पनाह लेना कोई मुश्किल काम नहीं है, क्योंकि दोनों ही न केवल धर्म के प्रति कट्टर हैं बल्कि पहनावे और भाषा के मामले में भी इनमें समानता है.

ईटीआईएम आतंकियों के पाकिस्तान में बसने की यह रिपोर्ट पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के चीन दौरे के ठीक एक दिन पहले आई है. माना जा रहा है कि जरदारी अपनी एक सप्ताह की चीन यात्रा के दौरान, चीन के साथ वित्तीय मामलों सहित 650 मेगावाट के दो परमाणु रिएक्टरों के निर्माण संबंधी समझौता करेंगे. जिनजियांग एक स्वायत्त प्रांत है, जहां तुर्की मूल के उइघुर समुदाय के मुस्लिम रहते हैं. गौरतलब है कि यहां एक वर्ष पहले हुए जातीय दंगों में 200 लोग मारे गए थे और सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए थे.{mospagebreak}

चीनी सेना ने जिनजियांग प्रांत में हुए दंगे के एक वर्ष पूरा होने पर यहां किसी प्रकार की हिंसा से बचने के लिए 40 हजार से अधिक निगरानी कैमरे लगाने के साथ सैकड़ों की संख्या में सैनिकों की तैनाती कर जिनजियांग प्रांत को एक किले में परिवर्तित कर दिया है.

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इसी समाचार पत्र ने पूर्व में रिपोर्ट प्रकाशित की थी कि चीन और पाकिस्तान की सेनाएं चीन में आतंकविरोधी अभ्‍यास कर रही हैं ताकि दोनों देशों की सेनाओं द्वारा भविष्य में ईटीआईएम आतंकियों के खिलाफ संयुक्त अभियान छेड़ा जा सके.

समाचार पत्र ने अनुमान लगाया है कि हाल ही में गिरफ्तार किए गए ईटीआईएम के दस सदस्यों को पाकिस्तानी सेना की मदद से पकड़ा गया.

तुर्की मूल के उइघुर लोगों ने जिनजियांग में हान समुदाय की बढ़ती संख्या के विरोध में खूनी संघर्ष छेड़ दिया था जो चीन के अन्य प्रांतों की आबादी में 90 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी रखते हैं.

जिनजियांग की प्रंतीय सरकार द्वारा चीनी भाषा पढ़ने को अनिवार्य करने सहित कुछ सख्त नीतियों को लागू करना भी हिंसात्मक विरोध होने की वजह माना जाता है. हालांकि बाद में चीन की सरकार ने तुर्की भाषा को बढ़ावा देने के लिए दो भाषाओं की नीति को लागू किया. चीनी-पाकिस्तानी सेना का आतंक विरोधी संयुक्त सैन्य अभ्‍यास स्वायत्त निग्जिया प्रांत के करीब में आयोजित किया जा रहा है, जो मुस्लिम बहुल क्षेत्र है.{mospagebreak}

पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष लैफ्टिनेंट जनरल खालिद शमीम वेने के हवाले से चीन के सरकारी दैनिक समाचार पत्र ने खबर दी है कि हमारे क्षेत्र के पर्यावरण को बचाने के लिए आपसी सहयोग को बढ़ाने की दरकार है.

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उद्घाटन समारोह के दौरान लैनझाउ मिलेट्री कमान के कमांडर लैफ्टिनेंट जनरल वांग गुओशेंग ने कहा कि संयुक्त सैन्य अभ्‍यास, क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के साथ साथ आतंकियों से लड़ने में सैनिकों की क्षमताओं को बढ़ाने में मददगार होगा. वर्ष 2004 से दोनों देशों के बीच यह तीसरा ऐसा सैन्य अभ्‍यास है.

वरिष्ठ कर्नल एवं संयुक्त अभ्‍यास में चीन की ओर से गाइडिंग कमेटी के महानिदेशक ली फुहुआ ने बताया कि इस समय हमारा कार्य पहाड़ी सीमाई क्षेत्रों में संयुक्त रूप से आतंक विरोधी अभियान का अभ्‍यास करना है.

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