सोमवार को रक्षाबंधन के दिन यूं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बहुत सारे लोगों ने राखी बांधी, लेकिन उनमें सबसे खास थी कमर मोहसिन शेख. सिर्फ इसलिए नहीं कि वह खास तौर पर अहमदाबाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राखी बांधने आईं, बल्कि इसलिए कि उनका जन्म पाकिस्तान में हुआ है और वह पिछले 23 सालों से लगभग हर साल नरेंद्र मोदी को राखी बांध रही हैं.
दिल्ली के गुजरात भवन में प्रधानमंत्री मोदी को राखी बांधने के बाद कमर मोहसिन शेख काफी खुश दिख रही थीं. उन्होंने बताया कि 2 दिन पहले ही उनके पास प्रधानमंत्री कार्यालय से फोन आया था कि वह दिल्ली आकर प्रधानमंत्री को राखी बांध सकती हैं. वह बताती हैं कि जब वह रक्षाबंधन के मौके पर प्रधानमंत्री के घर पहुंचीं तो वहां काफी भीड़ थी और उन्हें लग रहा था कि पता नहीं उनकी मुलाकात आज प्रधानमंत्री से हो भी पाए या नहीं. लेकिन वह बताती हैं कि मोदी जी ने जब हमें लाइन में देखा तो तत्काल बुलाया और कहा आजकल तो तुम टीवी में छाई हो कमर!
कमर की नरेंद्र मोदी से पहली मुलाकात पेंटिंग के सिलसिले में हुई, क्योंकि उनके पति पेंटर हैं. इसी सिलसिले वो लोग लोग दिल्ली आया करते थे. कमर बताती हैं कि उसी समय से नरेंद्र भाई हमारी मदद करते थे. हमेशा ही सलाह देते थे कि पेंटिंग के सिलसिले में किससे मिलना चाहिए.
कमर कहती हैं कि नरेंद्र भाई कलाप्रेमी तो है हीं, पेंटिंग के अलावा कई और कला में भी उनकी बहुत रुचि है. वह लिखते भी बहुत अच्छा हैं और शायरी में भी उनकी दिलचस्पी है. वो कहती हैं कि जब पहली बार वो लोग मोदी से मिले, तब ऐसा तो नहीं लगा था कि वह प्रधानमंत्री बनेंगे, लेकिन यह जरूर लगा था कि ये आदमी खास है और बहुत ही नेक इंसान भी है. उस वक्त भी उनकी काम करने की रफ्तार ऐसी ही थी और वह लगातार काम करते रहते थे.
प्रधानमंत्री को राखी बांधने के लिए क्या करना होता है? कमर बताती हैं कि राखी से 20-25 दिन पहले मैं ई-मेल भेजती हूं कि मैं रक्षाबंधन में आना चाहती हूं. लेकिन एक दो दिन पहले ही पता चलता है कि हमें आना है. कमर कहती हैं, 'मैं भले ही पाकिस्तान में जन्मी हुं, लेकिन अपने आप को खुशनसीब मानती हूं कि हिंदुस्तान में रह रही हूं और अब मैं पूरी तरह से हिंदुस्तानी हूं. मैं पाकिस्तान को बिल्कुल मिस नहीं करती.'
वो कहती हैं, 'मैं राजनीति नहीं जानती, लेकिन मुझे यह लगता है कि नरेंद्र भाई जो कर रहे हैं देश के लिए वह सबसे अच्छा है. रक्षाबंधन के अलावा मैने किसी और मौके पर उन्हें सलाह देने की कोशिश नहीं की. उनका कहना है कि विवादास्पद विषयों से वह दूर रहती है और प्रधानमंत्री के साथ भाई के अपने रिश्ते के बीच में और किसी चीज को नहीं लाना चाहतीं.