scorecardresearch
 

EXCLUSIVE: मोदी सरकार के दो साल पूरे, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताईं 10 खास बातें

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 'इंडिया टुडे' को दिए गए खास इंटरव्यू में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार पर जनता की विश्वसनीयता वापस लाने की कोशिश की है.

Advertisement
X

मोदी सरकार ने गुरुवार को अपने कार्यकाल के दो साल पूरे कर लिए. इन दो सालों में सरकार के कामकाज पर लोगों ने सवाल उठाए तो कई मौकों पर सराहना भी की. सबसे बड़ा सवाल यह सामने आया कि क्या मोदी सरकार जनता की उम्मीदों पर खरी उतरी है?

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 'इंडिया टुडे' टेलीविजन को दिए गए खास इंटरव्यू में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार पर जनता की विश्वसनीयता वापस लाने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि दो साल होने के बाद भी कुछ लोग अभी मोदी को प्रधानमंत्री नहीं स्वीकार कर पाए.

कांग्रेस से किसी तरह के निजी मतभेद से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि 'कांग्रेस मुक्त भारत' का नारा कांग्रेस को हराने के लिए दिया गया था, सालों पुरानी पार्टी को जड़ से खत्म करने के उद्देश्य से नहीं.

Advertisement

इंटरव्यू में जेटली ने कही ये खास बातें-
1. एक सरकार की सबसे सेंसिबल बात ये हो सकती है कि वो कभी संतुष्ट ना हो. काम करने की दिशा में आगे बढ़ती रहे. ये दो साल दिशासूचक की तरह रहे हैं.

2. सरकार पर जनता का भरोसा वापस लाने में कामयाबी मिली.

3. सरकार ने पॉलिसी पैरालिसिस का दौर खत्म किया. हम देश को विकास की मजबूत राह पर ले जा रहे हैं.

4. देश में ऐसा पहली बार है कि सरकार के शुरुआती दो साल में ही हम दुनिया की सबसे तेजी से उभरने वाली अर्थव्यवस्था बन गए हैं.

5. सोशल सेक्टर प्रोग्रामिंग के लिए एक खास कार्यक्रम लॉन्च किया गया. जिसमें आर्थिक समावेश और सब्सिडी का रेशनलाइजेशन किया गया.

6. अब तक देखा जाए तो ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में विकास नहीं हुआ. वक्त आ गया है कि सरकार की फंडिंग का बड़ा हिस्सा इन क्षेत्रों को विकास में लगाया जाए.

7. 'सूट-बूट की सरकार' जैसा कोई परसेप्शन नहीं है. यह एक सज्जन पुरुष का इस्तेमाल किया जुमला मात्र है.

8. आने वाले तीन सालों में इनफ्रास्ट्रक्चर और ग्रामीण विकास के क्षेत्रों पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा. इसके लिए मोदी सरकार ने 100 बिल पास किए हैं.

9. 'कांग्रेस मुक्त भारत' का मतलब उन्हें चुनाव में हराना है, जड़ से खत्म करना नहीं. नेहरू-गांधी परिवार का देश की राजनीति में अहम योगदान है, उन्हें जो कुछ जितना मिलना था मिल गया. उससे कहीं ज्यादा ही मिला है.

Advertisement

10. देश में असहिष्णुता का राग महज कन्फ्यूजन पैदा करने के लिए अलापा गया. भारत असहिष्णु नहीं है. दिल्ली और बिहार चुनाव से पहले इसकी भूमिका तैयार की गई थी.

Advertisement
Advertisement