विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूयॉर्क में काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस (सीएफआर) कार्यक्रम में पाकिस्तान को जमकर धोया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से बातचीत हो या ना हो, ये मुद्दा नहीं है. हर कोई अपने पड़ोसी से बात करना चाहता है. मुद्दा यह है कि हम ऐसे देश से कैसे बात करें जो आतंकवाद का संचालन कर रहा है.
एस जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान टेररिस्तान है और टेररिस्तान के साथ दोबारा बात नहीं की जा सकती है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से बात करने में कोई समस्या नहीं है, लेकिन टेररिस्तान से करने में दिक्कत है. जयशंकर ने बताया कि पाकिस्तान ने कश्मीर के लिए आतंक की इंडस्ट्री खड़ी कर ली. उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान में तनाव का मुख्य मुद्दा कश्मीर नहीं 26/11 का मुंबई हमला है.
विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में आतंकवाद है, लेकिन कोई हिस्सा ऐसा नहीं है जहां कोई देश अपने पड़ोसी के खिलाफ बड़े पैमाने पर उद्योग के रूप में जानबूझकर इसका उपयोग करता है.
EAM, S Jaishankar in New York: You have a neighbor who will not allow you connectivity...who in many ways has slowed down regionalism because of concern that it might integrate them more with our economy...who filters people to people interaction. It's a very challenging neighbor https://t.co/chRNhiw53l
— ANI (@ANI) September 26, 2019
कश्मीर की घटनाओं को याद करते हुए एस जयशंकर ने कहा कि 5 अगस्त से पहले घाटी में गड़बड़ी थी. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की श्रीनगर की सड़कों पर हत्या हो जाती थी, अलगाववाद के खिलाफ लिखने वाले पत्रकारों की हत्या कर दी गई, ईद के लिए घर लौट रहे सैन्य कर्मियों का अपहरण कर हत्या कर दी गई. कश्मीर में कठिनाइयां 5 अगस्त से शुरू नहीं हुईं. धारा 370 हटाए जाने के बाद प्रतिबंधों का उद्देश्य जीवन की हानि के बिना स्थिति को संभालना था. उन्होंने कहा कि हमारे पास 2016 का अनुभव था, जब बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में हिंसा हुई थी.
एस जयशंकर ने कहा कि रात में आतंकवाद और दिन में क्रिकेट, ऐसा नहीं हो सकता. भारत एक लोकतांत्रिक देश है. यहां के लोग क्रिकेट और टेरर एक साथ नहीं स्वीकार करेंगे.