देश में एक के बाद मॉब लिंचिंग की बढ़ रही घटनाओं को लेकर केंद्र सरकार बैकफुट पर है और वह कई सवालों के घेरे में है. ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए गृह मंत्रालय सजग हो गया है और इस संबंध में एक समिति का गठन किया है जिसे 4 हफ्तों में रिपोर्ट देना होगा.
गृह मंत्रालय ने मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है जिसे ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए 4 हफ्ते में सुझाव देना होगा. इस समिति की अगुवाई केंद्रीय गृह सचिव करेंगे.
साथ ही सरकार ने मंत्रियों का ग्रुप (जीओएम) का गठन किया है जो इस उच्चस्तरीय समिति की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट का अध्ययन करेगा, साथ ही अपने सुझाव प्रधानमंत्री को पेश करेगा. गृह मंत्री यह रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पेश करेंगे.
समिति गठन करने के अलावा केंद्र की ओर से सभी राज्यों को जारी नए दिशा-निर्देश में ऐसी घटनाओं की जांच करने और रोकने को कहा गया है.
हाल में देश के कई शहरों में मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं पर विपक्ष ने सरकार पर जमकर हमला किया है. साथ ही सरकार ने इस घटनाओं की कड़ी निंदा की है. संसद में सरकार की ओर से कहा गया है कि वह कानून का शासन बनाए रखने को प्रतिबद्ध है और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव कोशिश की जाएगी.
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गृह मंत्रालय के अनुसार, वह समय-समय पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश देता रहा है. बच्चा चुराने के आरोप में मॉब लिंचिंग की हुई घटना के बाद 4 जुलाई को एडवाइजरी जारी की गई थी. इससे पहले 9 अगस्त, 2016 को गौरक्षा के नाम पर गुंडई करने वालों पर अंकुश लगाने के लिए एडवाइजरी जारी की गई.मॉब लिंचिंग का सबसे ताजा मामला राजस्थान के अलवर में हुआ जहां कथित गोरक्षकों की ओर से रकबर खान की हत्या कर दी गई. इस हत्या का मामला अब देश की सबसे बड़ी अदालत में पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस याचिका को स्वीकार कर लिया और इस मामले की सुनवाई 20 अगस्त को होगा.
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रकबर खान मौत मामले में सब इंस्पेक्टर सुभाष शर्मा को निलंबित कर दिया गया है जबकि एएसआई मोहन चौधरी को पुलिस लाइन भेज दिया गया है.वहीं सोमवार को जम्मू के रामबन में 60 वर्षीय हामिद शेख पर कथित गौरक्षकों ने हमला कर दिया. मामले में 3 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं. शेख फिलहाल खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं. एसएसपी (रामबन) मोहन लाल का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है.
इससे पहले भी ढेरों मॉब लिंचिंग की घटनाओं में कई लोगों की जान जा चुकी है.