केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को अपने आम बजट में महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का ऐलान किया, जिसको इसी साल 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) या 2 अक्तूबर (गांधी जयंती) से शुरू किया जा सकता है. इस राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना पर 10 हजार से 12 हजार करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत होगी. सूत्रों ने यह जानकारी दी.
इस योजना के तहत सरकारी खर्चे पर 10 करोड़ गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध कराया जाएगा और इसमें प्रीमियम पर प्रति परिवार हर वर्ष एक हजार रुपये से लेकर 12 सौ रुपये के हिसाब से खर्च आने का अनुमान है. नीति आयोग के सलाहकार आलोक कुमार का कहना है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (NHPS) का खर्च केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर वहन करेंगी. यह दुनिया की सबसे बड़ी सरकार पोषित स्वास्थ्य बीमा योजना है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बीमा कवर के सालाना पांच हजार से छह हजार करोड़ रुपये के प्रीमियम का बोझ उठाएगी और बाकी राशि राज्य सरकारें उपलब्ध कराएंगी. गुरुवार को वित्तमंत्री जेटली ने साल 2018-19 का आम बजट पेश करते हुए कहा, "अब हम देश के 10 करोड़ गरीब परिवारों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए एक प्रमुख राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना शुरू कर रहे हैं. यह योजना लगभग 50 करोड़ लाभार्थियों को अस्पताल में द्वितीय और तृतीय दर्जे की देखभाल के लिए प्रति परिवार पांच लाख रुपये हर वर्ष तक उपलब्ध कराएगी."
इस बात पर जोर देते हुए कि यह पहल स्वास्थ्य सेवा सुरक्षा को एक नए आकांक्षात्मक स्तर पर ले जाएगी, जेटली ने कहा कि यह पहल आयुष्मान भारत का हिस्सा है और इसके कार्यान्वयन के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसका लक्ष्य रोकथाम और स्वास्थ्य प्रचार को कवर करते हुए प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक देखभाल प्रणालियों में स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों को समाप्त करना है. आयुष्मान योजना के तहत सरकार ने देश में 1.5 लाख स्वास्थ्य कल्याण केंद्रों के लिए 1,200 करोड़ रुपये आवंटित करने का निर्णय लिया है.