केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम के माओवादी नेता किशनजी के प्रस्ताव को ‘अजीब’ करार देने के एक दिन बाद सरकार ने वाम विचाराधारा वाले उग्रवादियों के समक्ष संधि प्रस्ताव देते हुए बुधवार को कहा कि बातचीत में मदद के लिये नक्सली यह सुनिश्चित करायें कि संघर्ष विराम 72 घंटे तक कायम रहे.
सरकार के शीर्ष अधिकारियों ने कहा है कि किशनजी के वार्ता के प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता है, बशर्ते वह यह सुनिश्चित करा सके कि संघर्ष विराम 72 घंटे तक रहे. केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने माओवादी नेता के प्रस्ताव को ‘अजीब’ करार दिया था और वाम विचारधारा वाले उग्रवादियों के अपनाये गये दोहरे मापदंडों को रेखांकित किया था.
किशनजी के वार्ता की पेशकश रखने के छह दिन बाद माओवादियों ने सुरक्षा बलों पर 18 गंभीर हमले किये और 11 नागरिकों की जान ले ली. इसमें पश्चिम बंगाल में एक पुलिस अधिकारी का गला रेतने की घटना शामिल थी. चिदंबरम ने कहा कि वह वार्ता में मदद की भाकपा माओवादियों के समक्ष पेशकश रखेंगे, बशर्ते वे हिंसा छोड़ दें.