कथित सिंचाई घोटाले की एसआईटी जांच कराने की महाराष्ट्र सरकार की घोषणा का स्वागत करते हुए विपक्ष ने संकेत दिया कि वह चाहता है कि इस पैनल के दायरे में वे सभी पहलु आएं जो श्वेतपत्र में छोड़ दिए गए थे और इनमें मंत्रियों की भूमिका भी है.
विधानसभा में विपक्ष के नेता एकनाथ खडसे ने कहा कि जहां तक जांच के दायरे की बात है तो एसआईटी को भ्रष्टाचार के आरोपों, संबंधित मंत्रियों की भूमिका आदि बातों की तथा सभी सिंचाई निगमों के कामकाज की जांच करने के लिए कहा जाना चाहिए.
एसआईटी जांच की घोषणा जल संसाधन मंत्री सुनील तटकरे ने की. करीब एक पखवाड़े पहले सरकार ने श्वेतपत्र जारी कर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजीत पवार को पाक साफ करार दिया था और इससे उनका इस माह के प्रारंभ में मंत्रिमंडल में बतौर उपमुख्यमंत्री वापसी का मार्ग खुल गया था.
हालांकि सरकार विपक्ष के दबाव के समक्ष झुक गयी है जो पांच दिनों से शीतकालीन सत्र नहीं चलने दे रहे था. लेकिन सरकार को विपक्ष का विरोध अब भी झेलना पड़ेगा क्योंकि भाजपा शुचिता के आधार अजीत पवार के इस्तीफे पर अड़ी है.