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बाल विवाह के खिलाफ नीतीश कुमार के अभियान का ये हो रहा असर

यह मामला मधुबनी के खुटौना थाना क्षेत्र के दुर्गापट्टी पंचायत का है. यहां के रहने वाला श्याम कुमार मंडल राम सागर राम की बेटी से प्यार करता था. दोनों की प्रेम कहानी से प्रभावित होकर गांव के सरपंच और मुखिया ने इनकी शादी करा दी. मुखिया और सरपंच की इस पहल से ब्लॉक के प्रमुख खफा हो गए.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

बिहार में बाल विवाह के खिलाफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चलाए गए अभियान का राजनीतिकरण होना शुरू हो गया है. ये सवाल इसलिए क्योंकि एक शादी को गांव के मुखिया और सरपंच ने रात के समय करवाया और सुबह ब्लॉक के प्रमुख ने शादी को खत्म करवा दिया. यह शादी इस आधार पर खत्म करवाई गई कि लड़की बालिग नहीं है, जबकि लड़की दो बार मैट्रिक की परीक्षा दे चूकी है.

यह मामला मधुबनी के खुटौना थाना क्षेत्र के दुर्गापट्टी पंचायत का है. यहां के रहने वाला श्याम कुमार मंडल राम सागर राम की बेटी से प्यार करता था. दोनों की प्रेम कहानी से प्रभावित होकर गांव के सरपंच और मुखिया ने इनकी शादी करा दी. मुखिया और सरपंच की इस पहल से ब्लॉक के प्रमुख खफा हो गए.

उन्होंने अपने गुर्गों की मदद से इस नवविवाहिता जोड़े को अपने घर पर बुलाया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाल विवाह के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का हवाला देते हुए दोनों की शादी तुड़वा दी. इतना ही नहीं उन्होंने इस जोड़े से कहा कि अगर तुम्हें शादी करनी है तो पहले सार्टिफिकेट लेकर आओ.

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अब सवाल ये उठ रहा है कि ब्लॉक प्रमुख को ये कदम शादी से पहले उठाना चाहिए था ना कि शादी के बाद. दूल्हे यानी श्याम कुमार मंडल का कहना है कि उसके साथ मारपीट भी की गई और उसकी नवविवाहिता पत्नी को जबरन लेकर चले गए.

विवाद अंतरजातीय विवाह (Intercaste Marriage) को लेकर भी बताया जा रहा है. लड़का श्याम कुमार मंडल अति पिछड़ी जाति से आता है जबकि लड़की दलित है. आरोप है कि ब्लॉक प्रमुख आरएन मंडल राजनीतिक कारणों से पति पत्नी के बीच नीतीश कुमार के अभियान का हवाला देकर विवाद पैदा कर रहे हैं. हांलाकि ब्लॉक प्रमुख ने इस आरोप से इंकार करते हुए कहा कि यह समाज का फैसला है अगर आप बालिग हैं तो सार्टिफिकेट दिखाएं और कोर्ट में जाकर शादी कर लें.

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