scorecardresearch
 

केरल सरकार ने डिटेंशन सेंटर से जुड़ी सारी गतिविधियों पर लगाई रोक

केरल सरकार राज्य में डिटेंशन सेंटर को स्थापित करने से संबंधित सभी गतिविधियों पर रोक लगाने का फैसला किया है. सीएमओ ने स्पष्ट किया है कि सरकार राज्य में किसी प्रकार के डिटेंशन सेंटर स्थापित करने की योजना नहीं बना रही है.

Advertisement
X
केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन (फाइल-ट्विटर)
केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन (फाइल-ट्विटर)

  • राज्य में डिटेंशन सेंटर स्थापित करने की योजना नहीं
  • 2012 में गृह मंत्रालय ने हर राज्यों को दिया था निर्देश

केरल सरकार ने राज्य में डिटेंशन सेंटर को स्थापित करने से संबंधित सभी गतिविधियों पर रोक लगाने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने इस संबंध में एक आदेश पारित किया है.

सीएमओ ने यह स्पष्ट किया है कि केरल सरकार राज्य में किसी प्रकार के डिटेंशन सेंटर स्थापित करने की योजना नहीं बना रही है.

सीएमओ के मुताबिक 2012 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को अपने-अपने राज्यों में डिटेंशन कैंप स्थापित करने का निर्देश दिया था.

2015 में कैंप बनाने का निर्देश

इन डिटेंशन कैंपों का उद्देश्य उन विदेशी लोगों पर अस्थायी रूप से ध्यान केंद्रित करना/रखना था, जो अवैध प्रवासी हैं और वीजा/पासपोर्ट की अवधि पूरी होने के बाद भी देश में रह रहे हैं. साथ ही इन कैंपों में वे विदेशी भी रखे जाते हैं जो कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद अपने हमवतन लौटना चाहते हैं

Advertisement

2015 में तत्कालीन राज्य गृह मंत्रालय ने एक बैठक बुलाई और इस तरह के कैंपों को तुरंत स्थापित करने का फैसला किया और सामाजिक न्याय विभाग (DSJ) को इसे निष्पादित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई.

सामाजिक न्याय विभाग (DSJ) ने ऐसे लोगों की संख्या मांगी थी जिन्हें 2016 में एससीआरबी से इन कैंपों में बसाया जाना था. हालांकि इस संबंध में कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, यहां तक की कई रिमाइंडर भी भेजे गए.

सीएमओ का कहना है कि वर्तमान सरकार (जून 2016 से) ने इससे संबंधित किसी भी फाइल को नहीं देखा है. वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए सीएमओ ने इस संबंध में सभी कार्यों को रोकने का आदेश दिया है.

Advertisement
Advertisement