मुंबई हमलों के आरोप में मौत की सजा पाए पाकिस्तानी बंदूकधारी अजमल आमिर कसाब को अब एक नई पहचान मिल गई है. कसाब की नई पहचान है कैदी नंबर सी-7096.
जेल सूत्रों ने बताया कि दोषियों का रिकॉर्ड रखने के लिए उन्हें नंबर दिया जाता है और इसलिए अब कसाब का नया नाम कैदी नंबर सी-7096 हो गया है. कसाब को हत्या के दोषियों के लिए आवंटित जेल के वर्ग ‘सी’ में रखा गया है. कम अपराध के दोषियों को, जिन्हें तीन महीने तक की कैद होती है, वर्ग ‘ए’ में रखा जाता है, जबकि तीन महीने से पांच साल तक की कैद वाले कैदियों को वर्ग ‘बी’ में रखा जाता है.
चूंकि कसाब को मौत की सजा हुई है, इसलिए उसे जेल में काम नहीं करना होता. जिन कैदियों को सश्रम कारावास की सजा होती है, उन्हें जेल में बढ़ईगिरी का काम करना होता है या फिर वे दूसरे कैदियों के लिए खाना पकाते हैं, जिसके बदले में उन्हें कुछ राशि दी जाती है. कसाब को सिर्फ अपने कपड़े धोने का काम है क्योंकि उसके पास लॉंड्री के लिए पैसे नहीं हैं.
सूत्रों के मुताबिक कसाब को जेल में अकेलापन महसूस हो रहा है. उन्होंने बताया ‘वह जेल में अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए बहुत आतुरता से प्रतीक्षा करता है. अक्सर वह जेल अधिकारियों से पूछता रहता है कि क्या कोई उससे मिलने आया. कसाब पूरे समय अपनी कोठरी के एक कोने में बैठा रहता है’. सूत्रों ने बताया कि कसाब आम तौर पर सुबह सात बजे उठ जाता है और उसका ज्यादातर समय किताबें और कुरान पढ़ने में बीतता है. वह दिन में पांच बार नमाज भी पढ़ता है.
इस बीच 26/11 के फैसले की प्रति सभी दस्तावेजों, हलफनामों और गवाहों के बयानों के साथ बंबई उच्च न्यायालय को भेजने की तैयारी तेजी से चल रही है. उच्च न्यायालय से कसाब की मौत की सजा की पुष्टि होनी है. मुंबई हमलों के मामले में निचली अदालत द्वारा निर्दोष करार दिए दो अन्य आरोपी फहीम अंसारी और सबाउद्दीन अहमद अब भी आर्थर रोड केंद्रीय जेल में हैं. मुंबई पुलिस दोनों को जल्दी ही उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंप देगी क्योंकि दोनों वहां एक अन्य मामले में वांछित हैं.