बालू माफिया के खिलाफ लोहा लेने वाले आईएएस अधिकारी डीके रवि की मौत को लेकर सड़क से सियासत तक सनसनी मची हुई है. सोमवार को बंगलुरु स्थित आवास से रवि का शव बरामद हुआ था. मामले की जांच सीआईडी को सौंपी गई है, लेकिन जांच के बीच में ही कर्नाटक सरकार ने यह कह दिया है कि रवि की मौत आत्महत्या है.
गौरतलब है के मामले में विपक्ष ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए मामले में सीबीआई जांच की मांग की है. मंगलवार को विपक्ष अपनी मांग को लेकर रातभर विधानसभ परिसर में डेरा जमाए बैठी रही, वहीं सरकार की ओर से विधानसभा में कहा गया कि शुरुआती जांच से पता चलता है कि आईएएस अधिकारी ने कुछ व्यक्तिगत कारणों से आत्महत्या की है.
अपने बयान में सरकार की ओर से गृह मंत्री केजे जॉर्ज ने कहा, 'पुलिस को जो सबूत मिले हैं वह बताते हैं कि रवि ने व्यक्तिगत कारणों से आत्महत्या की है. हालांकि, मामले में अभी जांच चल रही है इसलिए इस बारे में कोई और बात जाहिर करना सही नहीं है.' जॉर्ज के बयान पर विपक्ष ने विरोध जताया है. प्रदेश के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि बीजेपी और जेडीएस के नेता मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार में मामले में तेजी से सीआईडी जांच बिठाई है.
मुख्यमंत्री ने कहा, 'इसमें कोई शक नहीं है कि डीके रवि एक अच्छे और ईमानदार अधिकारी थे. उनके ससुर हनुमंथरैयप्पा जेडीएस के दिनों से मेरे अच्छे मित्र हैं. करीब चार महीने पहले वह मेरे पास आए थे और अपने दामाद के लिए बंगलुरु में एक अच्छी पोस्टिंग की चाह रखी थी. कर्मशियल टैक्स डिपार्टमेंट में एडिशनल कमिश्नर इनफोर्समेंट का पद बहुत महत्वपूर्ण होता है इसलिए हमने उनकी पोस्टिंग वहां दी.'
दूसरी ओर, पुलिस और पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में भी रवि की मौत को सुसाइड बताए जाने की खबर है. सूत्रों के मुताबिक, रवि की मौत सुबह 11 से 11:30 बजे के बीच हुई. फांसी से लटकने की स्थिति में रवि के शरीर पर और कोई जख्म नहीं मिले हैं. हालांकि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट को अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है.
इस बीच सामाजिक कार्यकर्ता गणेश एस कौंडिनी ने दावा किया है कि रवि टैक्स फ्रॉड के खुलासे के लिए कुछ बड़े डेवलपर्स पर छापेमारी की तैयारी कर रहे थे. गृह मंत्री केजे जॉर्ज ने कहा कि प्राथमिक रिपोर्ट को अगले 15 दिनों में सदन के समक्ष रखा जाएगा.