केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में अनुच्छेद 370 को हटाने और प्रदेश के पुनर्गठन का संकल्प पेश किया है. सोमवार को राज्यसभा में अमित शाह ने कहा कि यह गलत धारणा थी कि अनुच्छेद 370 की वजह से जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय हुआ था.
कश्मीर का भारत में विलय 1947 में हुए समझौते के आधार पर हुआ था. गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति के कारण राजनीतिक पार्टियों ने अनुच्छेद 370 को हटाने का कदम नहीं उठाया. हमारे पास इच्छा शक्ति है.
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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि हम वोट बैंक की राजनीति नहीं करते हैं. हम अब समय बर्बाद नहीं करेंगे. हम इस मुद्दे पर बहस और मतदान के लिए तैयार हैं. सदन में बहस कीजिए.
राज्यसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि 4 संकल्प और 2 बिल कश्मीर मुद्दे पर चर्चा की जाएगी. इसमें कश्मीर की आर्थिक नीति भी शामिल है.
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अमित शाह ने संकल्प पत्र पेश करते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे, सिवाय खंड एक के. अमित शाह के इस बयान के बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया.
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संसद में अमित शाह ने कहा कि कश्मीर में ये गलत धारणा है कि अनुच्छेद-370 की वजह से कश्मीर भारत के साथ है. अमित शाह ने कहा कि कश्मीर भारत के विलय पत्र की वजह से है जिसपर 1947 में हस्ताक्षर किया गया था.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'यह पहली बार नहीं है. कांग्रेस ने 1952 और 1962 में अनुच्छेद 370 में संशोधन किया. उनकी भी प्रक्रिया यही रही. इसलिए विरोध जताने के बजाय मुझे बोलने दें. मैं आपके सभी संशयों को दूर करूंगा. सभी सवालों का जवाब दूंगा.'
गृह मंत्री ने कहा कि वोट बैंक की वजह से विगत दिनों में इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया, लेकिन हमारे पास इच्छा शक्ति है और हम वोट बैंक की परवाह नहीं करते हैं. अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद-370 को हटाने में अब एक सेकेंड की भी देरी नहीं करनी चाहिए. अमित शाह ने कहा कि वे इस मुद्दे पर डिबेट और बहस के लिए तैयार हैं.