गुजरात में आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा की हत्या की पुलिस जांच रिपोर्ट को राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के समक्ष पेश की.
उच्च न्यायालय जूनागढ़ में अवैध खनन के खिलाफ एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है जो आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा ने दर्ज दर्ज की थी. बीस जुलाई को उच्च न्यायालय के समीप ही उनकी हत्या कर दी गयी थी.
मुख्य न्यायाधीश एस जे मुखोपाध्याय और न्यायमूर्ति के एम ठाकर की खंडपीठ ने जेठवा के छोटे भाई भाविन और मामा विजय राठौड़ को इस जनहित याचिका में याचिकाकर्ता के रूप में शामिल कर लिया. दोनों ने ही अमित की मौत के बाद जनहित याचिका में याचिकाकर्ता के रूप में शामिल किये जाने की मांग की थी.
जब यह मामला खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया तब राज्य सरकार ने सीलबंद लिफाफे में जांच रिपोर्ट सौंपी.
उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान मामले में होने वाले नये खुलासे से अवगत कराते रहने को कहा.
जेठवा की हत्या के मामले में एक पुलिसकर्मी समेत तीन लोग गिरफ्तार हुए हैं जबकि भाजपा के लोकसभा सदस्य दीनू सोलंकी का भतीजा पुलिस के शक के दायरे में है.