झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन ने अपने सचिव शशिनाथ झा के अपहरण और हत्या के मामले को सुनवाई के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा स्वीकार कर लिये जाने पर बिना किसी शिकन के कहा कि इसमें उनके लिए घबराने की कोई बात नहीं है और वह उच्चतम न्यायालय में अपना जवाब देंगे.
पत्रकारों से बातचीत में शिबू सोरेन ने दो टूक कहा कि शशिनाथ झा का मामला उनके खिलाफ जानबूझ कर बार-बार लाया जाता है जिससे उनके राजनीतिक जीवन को समाप्त किया जा सके लेकिन उच्चतम न्यायालय द्वारा इसे सुनवाई के लिए स्वीकार किये जाने से उन्हें कोई घबराहट नहीं है.
उन्होंने कहा ‘इस मामले में वह उच्चतम न्यायालय मे अपना पक्ष रखेंगे और जवाब देंगे. वह निर्दोष हैं और इस बात को दिल्ली उच्च न्यायालय ने माना था और कानूनी प्रक्रिया के बाद उच्च्तम न्यायालय भी इस बात को मानेगा.’
सर्वोच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति अल्तमश कबीर और न्यायमूर्ति ए के पटनायक की पीठ ने इस मामले में शशिनाथ झा के परिजनों की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया.
दिल्ली की एक अदालत ने 1994 के इस हत्याकांड में पांच दिसंबर 2006 को शिबू सोरेन को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी. लेकिन बाद में दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस मामले में शिबू समेत पांचों दोषियों को 22 अगस्त 2007 को दोषमुक्त करार दिया था.