भारत, अमेरिका और जापान की नौसेना ने बुधवार को पूर्वी तट पर पांच दिन का ‘मालाबार अभ्यास’ शुरू कर दिया, जिसमें कई जंगी जहाज, विमान वाहक युद्धपोत और तेजी से हमला करने वाली पनडुब्बियां शामिल हैं.
हाई-एंड वॉरफाइटिंग अभ्यास
सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक, तीनों देशों के नौसेनिक इस अभ्यास में शिरकत कर रहे है. इसको 'कॉम्पलेक्स, हाई-एंड वॉरफाइटिंग’ अभ्यास करार दिया गया है.
इसमें कहा गया है कि बहु-राष्ट्रीय समुद्रिक संबधों और आपसी सुरक्षा मुद्दों को आगे बढ़ाने के लिए आयोजित होने वाले अभ्यासों की जारी श्रृंखला में मालाबार 2015 नवीनतम अभ्यास है.
तट और समुद्र में प्रशिक्षण
अभ्यास के दौरान तट पर और समुद्र में प्रशिक्षण, दोनों तरह के प्रशिक्षणों को शामिल किया गया है. इसमें विमान वाहक युद्ध पोत के अभियानों के बारे में, समुद्री गश्ती, पनडुब्बी विरोधी युद्ध सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी साझा करने के लिये सत्र भी होंगे. जिन अभ्यासों को समुद्र में किया जाएगा उनके लिये होने वाले सत्रों में सेना से सेना का समन्वय, पनडुब्बियों का समन्वय, हवाई सुरक्षा और सतह पर होने वाले युद्धाभ्यास शामिल होंगे.
कई अमेरिकी पोत शामिल
इस अभ्यास में अमेरिका की ओर से भाग ले रहे पोतों में, विमान वाहक यूएसएस थिओडोर रूजवेल्ट, यूएसएस निमित्ज, निर्देशित मिसाइल क्रूजर यूएसएस नॉरमैंडी (सीजी60), यूएसएस फॉर्थ वर्थ (एलसीएस-3) पी-8ए पोसीडॉन विमान और तेजी से हमला करने में सक्षम पनडुब्बी शामिल है.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारत, जापान और अमेरिका की नौसेना के पास समुद्र में काम करने को लेकर साझा समझ और ज्ञान है. इस तरह के अभ्यास नौसेनिकों के बीच की समझ के स्तर को आगे बढ़ाने में मदद करते हैं. इसके मुताबिक, ‘प्रशांत देशों के सदस्यों के नाते हमारी नौसेनाएं स्वाभाविक सहयोगी हैं और हम अपने संबंधों को मजबूत करने के प्रति आशान्वित हैं.’
इनपुट: भाषा