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जम्मू-कश्मीर के हालात पर हुई हाई लेवल मीटिंग

जम्मू-कश्मीर के हालात पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को नई दिल्ली में उच्च स्तरीय बैठक की. इस बैठक में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, एनएसए अजित डोभाल, आर्मी चीफ, बीएसएफ डीजी, गृह सचिव सहित दूसरे अधिकारी मौजूद थे.

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केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह

जम्मू-कश्मीर के हालात पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को नई दिल्ली में उच्च स्तरीय बैठक की. इस बैठक में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, एनएसए अजित डोभाल, आर्मी चीफ, बीएसएफ डीजी, गृह सचिव सहित दूसरे अधिकारी मौजूद थे.

बैठक में सीमा पर पाकिस्तान की ओर से हो रही फायरिंग के चलते पैदा हुए वर्तमान हालात पर चर्चा हुई. पाकिस्तान की तरफ से मंगलवार को हुई फायरिंग में 8 लोगों की मौत हो गई और दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए जिसमें कई की हालत गंभीर है.

फायरिंग में पाकिस्तान बड़े मोर्टार का इस्तेमाल कर रहा है. भारत की जवाबी कार्रवाई पर भी इस मीटिंग में चर्चा हुई. भारत की जवाबी कार्रवाई में 14 पाकिस्तान के पोस्ट ध्वस्त हुए हैं और कई पाक रेंजर्स मारे गए हैं.

बॉर्डर पर रह रहे नागरिकों को पाक फायरिंग से बचाने के उपायों पर भी मीटिंग में चर्चा हुई. बीएसएफ और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर सिविलियंस को हटाने और स्कूलों को बंद करने को लेकर भी बात हुई. सूत्रों के मुताबिक जम्मू के बॉर्डर एरिया में प्रशासन ने स्कूलों को बंद करने के पहले ही आदेश दे दिया है.

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इससे पहले मंगलवार को दिन में जम्मू कश्मीर के राज्यपाल ने भी गृह मंत्री से मुलाकात कर बॉर्डर के पूरे हालात की जानकारी दी थी. कश्मीर घाटी में 26 से ज्यादा स्कूलों को जलाए जाने को लेकर भी इस बैठक में चर्चा हुई.

साथ ही मीटिंग में ISI की इस नई चाल को लेकर ख़ुफ़िया एजेंसियों के खुलासे पर भी चर्चा हुई. इराक और सीरिया की तर्ज पर आधुनिक शिक्षा को ख़त्म करने का कश्मीर घाटी में रचा जा रहा है बड़ा प्लान. इसी प्लान के तहत स्कूलों को निशाना नये अलगाववादी ग्रुप के जरिये बनाया जा रहा है.

पाक सेना और ISI के इसी प्लान के तहत 27 से ज्यादा स्कूलों को घाटी में जलाने के पीछे अलगाववादियों के लोकल मोड्यूल का सहारा लिया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक ISI ने प्लान बनाया है कि अगर स्कूल को जला दिया जायेगा, तो एक साल तक बच्चे स्कूल नहीं जा पाएंगे और घाटी में नौंवी क्लास से बारहवी क्लास तक के स्कूली बच्चों की मजबूरी का फायदा उठा कर उनको पत्थरबाजी और आतंक के लिए भर्ती कर इस्तेमाल किया जाएगा.

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