जम्मू और कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए हाफिज सईद का संगठन जमात-उद-दावा एक बार फिर सोशल मीडिया के लिए पाकिस्तान में भर्तियां कर रहा है. जमात-उत-दावा ये भर्तियां अपनी पत्रिका ‘इनवाईट’ के लिए कर रहा है. ‘इनवाईट’ के नाम से बाकायदा ऑनलाइन ऐड प्रकाशित किया जा रहा है, जिसमें शर्त के रूप में युवाओं से ये अपेक्षा की गई है कि वो जम्मू-कश्मीर और भारत के बारे में उन्हें जानकारी हो, जिससे कि दुनियाभर में भारत के खिलाफ प्रोपगेंडा को ज्यादा से ज्यादा फैलाया जा सके.
हिंदुस्तान के खिलाफ आतंक फैलाने के लिए हाफिज पाकिस्तान में अपने युवाओं को बहकाता रहा है और इसके लिए लगातार सोशल मीडिया को हथियार के रूप में इस्तेमाल करता रहा है.
‘इनवाईट’ पत्रिका के लिए दिए गए ऑनलाइन ऐड में कहा गया है कि 'पाकिस्तान को सोशल मीडिया एक्टिविस्ट' की जरूरत है. वास्तव में इसके बहाने हाफिज पाकिस्तान में भारत के खिलाफ युवाओं की एक फौज तैयार करना चाहता है. सोशल मीडिया को हथियार बनाकर मुंबई हमले का मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा के सहसंस्थापक हाफिज सईद कश्मीर में अपने नापाक इरादों को साधना चाहता है.

‘जमात-उद-दावा पहले भी कश्मीर के खिलाफ पाकिस्तान के युवाओं को भड़काने के लिए सोशल मीडिया की जानकारी बढ़ाने वाली वर्कशॉप का आयोजन करता रहा है. रक्षा विशेषज्ञ रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल राज कादयान के अनुसार, 'हाफिज के इस उद्देश्य के पीछे पाकिस्तान की आईएसआई है. आईएसआई और हाफिज सोशल मीडिया का इस्तेमाल पूरे विश्व में भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने के लिए करना चाहता है.'

बता दें कि जमात-उद-दावा की संस्था ‘फलाह-ए-इंसानियत’ इनवाईट पत्रिका का प्रकाशन लाहौर से करती है, जिसकी फंडिंग आईएसआई (ISI) करती है. इनवाईट पत्रिका का प्रकाशन भारत के खिलाफ दुष्प्रचार और जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को हवा देने के लिए किया जाता रहा है.
नजरबंदी से रिहाई के बाद हाफिज लगातार ये कहता रहा है की कश्मीर की 'आज़ादी' के लिए वह पाकिस्तान में लोगों को जुटाएगा. सोशल मीडिया के जरिये भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने के लिए आतंक की फौज तैयार करना इसी कड़ी का हिस्सा है.