चेन्नई सुपरकिंग्स के सीईओ गुरुनाथ मेयप्पन ने आईपीएल सट्टेबाजी प्रकरण के संबंध में पूछताछ के लिए मुंबई पुलिस के समक्ष पेश होने के लिए सोमवार तक का समय मांगा है. पुलिस ने यह जानकारी दी. उधर सूत्रों के अनुसार विन्दू दारा सिंह ने पुलिस पूछताछ में बताया है कि BCCI प्रमुख के दामाद गुरु मयप्पन भी बेटिंग में शामिल थे.
इस प्रकरण की जांच कर रही अपराध शाखा के सूत्रों के मुताबिक गुरुवार शाम मेयप्पन का पत्र मिला जिसमें सोमवार को पेश होने की स्वीकृति देने की मांग की गई है. इससे कुछ घंटे पहले ही उन्हें समन जारी किया गया था. क्राइम ब्रांच के सूत्र ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘इस आग्रह पर विचार किया जा रहा है.’
पत्र की पूर्ण सामग्री के बारे में तुरंत पता नहीं चल सका है लेकिन माना जा रहा है कि सीएसके के सीईओ ने रविवार को होने वाले आईपीएल फाइनल तक निजी रूप से पेश होने से छूट मांगी है. आईपीएल फाइनल रविवार को कोलकाता में खेला जाएगा जिसमें सीएसके को हिस्सा लेना है.
जब गायब हो गए 'गुरु'
मुंबई पुलिस चेन्नई गई
लेने 'गुरु' से 'ज्ञान'
'गुरुजी' लीलाधारी निकले
हो गए अंतर्ध्यान.....
मान गए गुरु, मान गए. शायद इसिलिए नाम भी गुरु है. बेचारे मुंबई पुलिस वाले, बड़े चाक चौबंद हो कर गये थे, जांचेंगे पूछेंगे, सवाल-जबाव करेंगे. मगर कच्चे, निहायत ही बच्चे निकले. वो शायद भूल गये कि इस बार जो पाला पड़ा है वो विन्दू से नहीं विन्दू के गुरु से है. गुरु तो गुरु ही होता है.
किस गुफा में गए गुरु?
कौन सा खेल करेंगे शुरु?
तू डाल डाल मैं पात-पात वाली बात है. इधर पुलिस उन्हें फोन पर फोन दाग रही है, उधर गुरु गच्चा दे रहे हैं. जैसे कह रहे हों कि पकड़ो तो जानूं. वैसे मुमकिन है कि गुरु काली वर्दी वाले गुरुओं के शरण में गए हों, इस उम्मीद में कि काला-पीला, नीला हरा, जैसा भी चिट्ठा खोलना चाहती है पुलिस, उससे काली कोट वाले बचा लेंगे. मगर सवालों का जवाब तो फिर भी देना पड़ेगा गुरु!
जवाब दो गुरु
किसलिए करते थे विंदु को एक दिन में 35-35 कॉल
क्या वो कोई रिश्तेदार थे
क्या वो कोई नातेदार थे
फिर क्यों की उनकी इतनी खातिरदारी
कॉल की कलि कथा क्या है?
आप फोन करते थे विंदु को
विंदु फौरन फोन करता था बुकीज को
भई कानून की किसी भी किताब में किसी को कॉल करना जुर्म नहीं है, मगर कॉल के बाद जो कॉल की गई हैं वो काल सर्पयोग बनकर मंडरा रही हैं गुरु. कबतक छुपोगे, कहां तक छुपोगे. सच्चे हो तो सामने आओ. झूठे हो तो चाहे जितनी मर्जी छुप जाओ, मुंबई पुलिसवाले मात दे ही देंगे. खैर चंद सवाल आपके ससुर जी से भी बनते हैं.
जवाब दो श्रीनिवासन
चटर पटर बोलने वाली जुबान पर क्यों लग गया है ताला?
अपने दामाद पर बात आई तो क्यों नहीं निकल रही है सफाई?
कबतक अपनी मर्जी से कायदे कानूनों की धज्जियां उड़ाओगे?
कबतक बोर्ड प्रसिडेंट की कुर्सी पर बैठकर सबको आंख दिखाओगे?
अब तो इस्तीफा दो ?
अगर अब भी मन नहीं भरा है तो प्रेस रिलीज जारी कर मीडिया को मटियामेट करने वाली बातें करो, मगर आपके घर से निकली हैं, वो क्रिकेट के खेल तक का दीवाला निकाल देंगीं इसलिए अब और नहीं, कुर्सी छोड़ो और सच का सामना करो.