भारत ने बुधवार को कहा कि वह मुंबई आतंकी हमले के मुख्य षडयंत्रकारी डेविड हेडली के प्रत्यर्पण का दबाव बनाएगी और इसके लिए अमेरिकी अधिकारियों तथा लश्करे तैयबा के इस गुर्गे के बीच हुए ‘प्ली बारगेन’ का अध्ययन किया जा रहा है.
गृह मंत्री पी चिदंबरम ने अपने मंत्रालय की मासिक रिपोर्ट पेश करते हुए यह बात कही. उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी मूल के इस अमेरिकी आतंकी से पूछताछ करने तथा उसकी गवाही को रिकार्ड करने का आग्रह पत्र अमेरिका को भेजा जा रहा है.
उन्होंने कहा कि प्ली बारगेन के अनुसार हेडली को उसके जुर्म के लिए मृत्यु दंड नहीं दिया जाएगा और ना ही भारत को सौंपा जाएगा. चिदंबरम ने कहा, ‘हम इस समझौते के कानूनी पहलुओं की जांच कर रहे हैं. प्ली बारगेन में हेडली ने हालांकि, इस बात पर सहमति जतायी है कि वह वीडियो कांफ्रेंसिंग, गवाही या आग्रह पत्र के जरिये विदेशी अधिकारियों द्वारा की जाने वाली पूछताछ के लिए पेश होगा.
चिदंबरम ने कहा, ‘हमने हेडली से पूछताछ करने और उसकी गवाही रिकार्ड करने का अमेरिका से आग्रह किया है हालांकि अमेरिका से अभी इस आग्रह का जवाब आना बाकी है. उन्होंने बताया कि हेडली और अमेरिकी शासन के बीच हुए प्ली बारगेन का भारत और अमेरिका के बीच हुई प्रत्यर्पण संधि के आलोक में भी अध्ययन किया जा रहा है. अमेरिका हालांकि, स्पष्ट कर चुका है कि हेडली का प्रत्यर्पण संभव नहीं है.
यह पूछे जाने पर कि क्या हेडली के सहयोगी तहव्वुर राणा से भी पूछताछ की मांग की जाएगी, गृह मंत्री ने कहा, सरकार देखेगी कि क्या कार्रवाई करनी चाहिए और क्या कार्रवाई की जा सकती है. राणा पाकिस्तान मूल का कनाडा का नागरिक है और हेडली के साथ ही उसे पिछले साल अक्तूबर में गिरफ्तार किया गया था. दोनों पर मुंबई आतंकी हमले का षडयंत्र रचने का आरोप है. हेडली से संपर्क के लिए अमेरिका को एक पत्र भेजने के प्रस्ताव के बारे में पूछने पर चिदंबरम ने कहा कि यह कानूनी प्रक्रिया के जरिये चल रहा है. ‘यह एक कानूनी दस्तावेज है. इस पर विचार चल रहा है.’