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सरकार चाहती है, पेप्सी में चीनी कम की जाए

सरकार चाहती है कि पेप्सिको अपने कोल्ड ड्रिंक पेप्सी में चीनी की मात्रा कम करे. खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने पेप्सिको की चेयरमैन और सीईओ इंद्रा नूई से कहा कि वह पेप्सी में चीनी की मात्रा कम करें. नूई ने प्रधानमंत्री से भी मुलाकात की.

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Indra Nooyi
Indra Nooyi

सरकार चाहती है कि पेप्सिको अपने कोल्ड ड्रिंक पेप्सी में चीनी की मात्रा कम करे. खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने पेप्सिको की चेयरमैन और सीईओ इंद्रा नूई से कहा कि वह पेप्सी में चीनी की मात्रा कम करें. नूई ने प्रधानमंत्री से भी मुलाकात की.

मंत्रालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार हरसिमरत कौर ने यह बात कही. हालांकि कंपनी ने इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन बताया जाता है कि पेप्सिको अपने उत्पादों से सोडियम और चीनी का स्तर कम करने पर काम कर रहा है.

कुछ विकसित देशों में पेप्सी स्टेविया नाम के एक पदार्थ का इस्तेमाल कर रही है जो जीरो कैलरी स्वीटनर है. यह पौधे में पाया जाता है और प्राकृतिक रूप से मीठा है. यह पौधा प्राग और ब्राजील में पाया जाता है. यह भारत नहीं आया है क्योंकि यहां सरकार से अभी इसकी इजाजत नहीं मिली है. समझा जाता है कि पेप्सी और कोक दोनों ही स्टेविया का इस्तेमाल जल्द ही शुरू करने वाले हैं. उन्हें सरकारी अनुमति का इंतजार है.

नूई ने यह भी कहा है कि उनकी कंपनी भारतीय बाजार के लिए सेहतमंद और पौष्टिक पदार्थों को भी पेश करेगी.

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नूई ने पीएम मोदी को पेप्सिको के भारत में निवेश और अन्य सामाजिक कार्यों के बारे में बताया. पेप्सिको से जु़ड़े एक व्यक्ति ने बताया कि यह औपचारिक मीटिंग थी जिसमें कोई एजेंडा नहीं था. पेप्सिको ने भारत में 2020 तक 33,000 करोड़ रुपए निवेश करने की बात कही थी.

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