केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने रविवार को राम मंदिर के मुद्दे पर कहा कि हिंदू और मुस्लिम दोनों इसे साथ मिलकर बनाएंगे, क्योंकि मुस्लिम बाबर के वंशज नहीं हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘मुस्लिम अलग नहीं हैं. उनके और हिंदुओं के पूर्वज एक ही हैं- भगवान राम. मेरी इच्छा है कि एक ईंट हिंदू रखे और एक ईंट मुस्लिम रखे. उन्होंने कहा कि अयोध्या में मंदिर की वकालत करके शिया मुस्लिमों ने पहले ही आदर्श पेश किया है और जल्द ही सुन्नी मुस्लिम भी आगे आएंगे. उन्होंने कहा कि मुझे इसमें कोई मुश्किल नजर नहीं आती कि हम दोनों मिलकर मंदिर बनाएंगे.’’ साथ ही उन्होंने सवाल किया कि यदि भारत में मंदिर नहीं बनेगा तो क्या पाकिस्तान में बनेगा ?
पद्मावती जैसे किरदारों को संदर्भ से हटाकर पेश करना अस्वीकार्य
गिरिराज सिंह ने फिल्म पद्मावती पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि पद्मावती जैसे किरदारों को संदर्भ से हटाकर पेश करना अस्वीकार्य है. बता दें कि विरोध प्रदर्शनों और धमकियों के कारण फिल्म की रिलीज की तारीख टाल दी गई है. उन्होंने कहा कि फिल्म में पद्मावती के किरदार का जिस तरह वर्णन किया गया है वह उनकी वीरता एवं त्याग से मेल नहीं खाता और यह स्वीकार्य नहीं हैं.
रानी पद्मावती हमारी आदर्श
उन्होंने कहा, ‘‘महात्मा गांधी, शिवाजी, महाराणा प्रताप, रानी लक्ष्मी बाई और पद्मावती हमारे आदर्श हैं. उनकी असल कहानियां, फिल्मों में उनका त्याग स्वीकार्य है, लेकिन इन किरदारों को संदर्भ से हटाकर पेश करना अस्वीकार्य है’’ फिल्म में रानी पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के पात्र के बीच रोमांस के दृश्यों की अफवाहों के बीच कई राजपूत संगठन और अन्य इस फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
फिल्म इतिहास को तोड़- मरोड़ कर रही पेश
राजपूत संगठन का आरोप है कि यह फिल्म इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है. केंद्रीय मंत्री ने सवाल किया कि क्या हिंदू धर्म को छोड़कर किसी और धर्म या समुदाय पर फिल्म बनाना और उन धर्मों को संदर्भ से हटा कर पेश करना संभवहै ? उन्होंने कहा, ‘चूंकि हिंदू धर्म उदार है, इसलिए कोई इस पर फिल्म बना देता है तो कभी हिंदू देवताओं पर फिल्में बन जाती हैं. यह स्वीकार्य नहीं है.’