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...तो आम नागरिक की तरह उत्तराखंड के दौरे पर नहीं गए राहुल गांधी

क्या राहुल गांधी के लिए आईटीबीपी का कैंप खाली कराया गया था? आखिरकार इस विवाद पर खुद आईटीबीपी के डीजी अजय चड्ढा ने खुलासा किया है. डीजी साहब ने माना कि राहुल के लिए कैंप खाली कराया था लेकिन साथ ही वो ये भी बोले कि राहुल की एसपीजी सुरक्षा की वजह से कैंप को खाली कराना पड़ा.

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राहुल गांधी
राहुल गांधी

क्या राहुल गांधी के लिए आईटीबीपी का कैंप खाली कराया गया था? आखिरकार इस विवाद पर खुद आईटीबीपी के डीजी अजय चड्ढा ने खुलासा किया है. डीजी साहब ने माना कि राहुल के लिए कैंप खाली कराया था लेकिन साथ ही वो ये भी बोले कि राहुल की एसपीजी सुरक्षा की वजह से कैंप को खाली कराना पड़ा.

हालांकि उन्होंने कहा कि गोचर कैंप से ITBP के लोगों को जबरन नहीं हटाया गया, बल्कि उन्हें दूसरी जगह भेजने के इंतजाम किए गए.

गौरतलब है कि उत्तराखंड में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी जब हवाई सर्वेक्षण के लिए गए तो उन्हें नीचे उतरने की अनुमति नहीं मिली थी. और कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने कहा था कि ‘राहुल गांधी वहां एक वीआईपी के तौर पर नहीं जा रहे हैं. वह एक नागरिक के तौर पर जा रहे हैं. तो क्या आम आदमी को मिलती है एसपीजी सुरक्षा?, तो क्या आम नागरिक के लिए किए जाते हैं विशेष इंतजाम?.

खैर ये तो रेणुका ही बताएंगी कि कैसा होता है कांग्रेस का आम आदमी. लेकिन सच्चाई यह है कि जब राहुल गांधी उत्तराखंड गए तो सरकार के नियम भी बदल गए.

गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा था कि वीआईपी दौरों से राहत कामों में बाधा आती ही है. इसलिए हालात देखने के लिए उत्तराखंड के अलावा किसी भी और राज्य के मुख्यमंत्री को वहां नहीं जाना चाहिए. सिर्फ पुलिस और फौज को पेशेवर ढंग से राहत काम करने देना चाहिए.

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उधर बद्रीनाथ में फंसे लोगों को निकालने के लिए हवाई अभियान गुरुवार को मौसम फिर से खराब होने के चलते रोकना पड़ा. अभी तक बद्रीनाथ से 560 लोगों को बचा कर निकाला गया है और वहां अभी भी लगभग 2500 लोग फंसे हैं.

गौरीकुंड में मंगलवार को हुए हेलीकॉप्टर हादसे पर आईटीबीपी के डीजी- अजय चड्ढा ने बताया कि इस हादसे के शिकार 18 लोगों के शव मिल गए हैं और अन्य दो की तलाश अभी जारी है. उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को धन्यवाद दिया कि पीएम ने खुद फोन कर मारे गए अधिकारियों के प्रति संवेदना प्रकट की है.

गौरतलब है कि हेलीकॉप्टर का ब्लैक बॉक्स भी मिल गया है. जमीन पर गिरते ही हेलीकॉप्टर में आग लग गई थी, इसके चलते सभी के शरीर बुरी तरह जल गए हैं.

महामारी फैलने की आशंका के बीच तेज बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित केदारनाथ में सामूहिक रूप से अंतिम संस्कार की प्रक्रिया तेज कर दी गई है. जबकि उत्तराखंड में तबाही के 12 दिन बाद भी करीब 3000 लोग जगह जगह फंसे हुए हैं. अभी तक उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों से 1 लाख 2 हजार 6 सौ लोगों को बचाकर निकाले जाने की खबर है.

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