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पूर्व मंत्री ने मौजूदा कैबिनेट मंत्री से ही खाली करा लिया सरकारी बंगला!

यह बात तो आपने कई बार सुनी होगी कि मंत्री नहीं रहने के बावजूद कई नेता मंत्री वाला बंगला छोड़ने को आसानी से तैयार नहीं होते. लेकिन ऐसा किस्सा आपने शायद ही सुना होगा कि एक पूर्व मंत्री ने ऐसी चाल चली कि अपना बंगला तो नहीं ही खाली किया, एक कैबिनेट मंत्री को उसी का बंगला खाली करा दिया.

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अंबिका सोनी के रुख से उलझा बंगला विवाद
अंबिका सोनी के रुख से उलझा बंगला विवाद

यह बात तो आपने कई बार सुनी होगी कि मंत्री नहीं रहने के बावजूद कई नेता मंत्री वाला बंगला छोड़ने को आसानी से तैयार नहीं होते. लेकिन ऐसा किस्सा आपने शायद ही सुना होगा कि एक पूर्व मंत्री ने ऐसी चाल चली कि अपना बंगला तो नहीं ही खाली किया, एक कैबिनेट मंत्री को उसी का बंगला खाली करा दिया.

अब मंत्रीजी बिना किसी सरकारी घर के हैं और एक अदद बंगला पाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं. एक नहीं, दो पूर्व मंत्री ऐसे हैं, जिनसे बंगला खाली कराने में सरकार को पसीने आ गए हैं.

दिल्ली के अकबर रोड पर इस शानदार बंगले में पिछले कई सालों से यूपीए सरकार में मंत्री रहीं और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी रह रही हैं. अंबिका सोनी फिलहाल राज्यसभा की सांसद हैं. 9 नवंबर को जब कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए चौधरी वीरेन्द्र सिंह कैबिनेट मंत्री बने, तब उन्हें टाइप 8 का बंगला आवंटित किया गया. वीरेन्द्र सिंह तब तक 84 लोधी एस्टेट के छोटे टाइप 6 के बंगले में रह रहे थे, जो उन्हें सांसद के तौर पर पहले से मिला हुआ था.

चौधरी वीरन्द्र सिंह को 22 अकबर रोड का बंगला जनवरी में आवंटित तो हो गया, लेकिन वो वहां जाते कैसे, क्योंकि वहां तो अब भी अंबिका सोनी डटी हुईं थी. अंबिका सोनी ने पहले तो यह घर खाली करने से साफ मना कर दिया. उनकी दलील थी कि राज्यसभा के सांसद के तौर पर वह इस बंगले की हकदार हैं. जब उन्हें बंगला खाली करने का नोटिस दिया गया तो वे कोर्ट में चली गईं. उनके साथ ही पूर्व मंत्री कुमारी शैलजा भी कोर्ट गईं, जो अपने मंत्री वाला बंगला खाली करने को तैयार नहीं थीं.

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मामला जब हाईकोर्ट में पहुंचा तो कोर्ट ने अंबिका सोनी और कुमारी शैलजा, दोनों को जोरदार फटकार लगाई. यही नहीं, इन दोनों पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. लेकिन अंबिका सोनी और कुमारी शैलजा ने हार नहीं मानी और इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट की डबल बेंच में अपील कर दी. अंबिका सोनी ने अब कोर्ट से यह कहा कि वे 22 अकबर रोड का बंगला खाली करने को तैयार हैं, लेकिन उन्हें एक ढंग का घर दिया जाए.

अंबिका सोनी के लिए अब एक अदद टाइप 7 के बंगले की खोज शुरू हुई. खोज खत्म हुई 84 लोधी ऐस्टेट के बंगले पर, जिसमें चौधरी वीरेन्द्र सिंह रह रहे थे. लेकिन कोर्ट में अंबिका सोनी के वकील कपिल सिब्बल ने यह दलील दी कि जब तक ये घर खाली नहीं किया जाता, वे भला कैसे देख पाएंगी कि ये घर उनके रहने के काबिल है भी या नहीं. 22 नंबर अकबर रोड पाने की उम्मीद में चौधरी वीरेन्द्र सिहं ने आनन-फानन में ये घर खाली कर दिया.

वीरेन्द्र सिंह पिछले चार साल से इस घर में रह रहे थे और मंत्री बनने के बाद भी इसमें ही थे. लेकिन अंबिका सोनी ने कोर्ट को कहा कि यह घर रहने के लायक नहीं है.

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फिलहाल चौधरी वीरन्द्र सिंह बिना सरकारी घर के हैं, क्योंकि अकबर रोड का बंगला अभी खाली नहीं हुआ है और लोधी एस्टेट के बंगले को नए सिरे से मरम्मत करके अंबिका सोनी के रहने के लायक बनाया जा रहा है.

सात सितंबर को हाईकोर्ट की डबल बेंच ने भी अपने फैसले में यह कह दिया है कि अंबिका सोनी और कुमारी शैलजा महीने भर के भीतर मंत्री वाला बंगला खाली कर दें. लेकिन ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी वीरेन्द्र सिंह को डर है कि पता नहीं, अकबर रोड का शानदार बंगला उन्हें महीने भर बाद भी मिलेगा या नहीं.

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