कोयंबटूर के मरुधमलाई इलाके में एक घायल मादा हाथी की तीन दिन तक चले इलाज के बाद मौत हो गई. यह मादा हाथी एक बच्चे के साथ घूम रही थी. ग्रामीणों ने जब उसे जमीन पर गिरा देखा तो वन विभाग को सूचना दी गई.
शुरुआत में यह माना गया कि गर्मी के कारण पानी की तलाश में यह हाथी झुंड से अलग हो गई होगी. बच्चे को मां से अलग होते नहीं देखा गया. मौके पर पहुंचे वन अधिकारियों ने इलाज के लिए दो कुम्की हाथियों की मदद ली ताकि मादा हाथी को उठाया जा सके और टीम की सुरक्षा भी बनी रहे.
इलाज के बाद मादा हाथी की मौत
इलाज के दौरान एक क्रेन की मदद से मादा हाथी को खड़ा किया गया. लेकिन इलाज के तीन दिन बाद मंगलवार को उसकी मौत हो गई. बुधवार को जब उसका पोस्टमार्टम किया गया, तो डॉक्टर्स को उसके शरीर से एक पूरी तरह विकसित भ्रूण मिला.
इसके साथ ही उसके पाचन तंत्र से बड़ी मात्रा में प्लास्टिक भी निकाला गया. यह खुलासा हाथी गलियारों में प्लास्टिक प्रदूषण को लेकर चिंता बढ़ाने वाला है.
हाथी के साथ मौजूद उसका बच्चा कुम्की हाथियों को देखकर जंगल की ओर भाग गया.
मादा हाथी के पेट में मिला बड़ी मात्रा में प्लास्टिक
वन रक्षकों की टीम उसकी निगरानी में लगी है. वन विभाग अब हाथी झुंडों की गतिविधियों पर नजर रखने की योजना बना रहा है ताकि उनके भोजन के स्रोत और संभावित खतरे पहचाने जा सकें.