देश में विश्वास का संकट पैदा हो गया है. सिर्फ गलत नीतियां बनाई जा रही हैं. अर्थव्यवस्था पर कोई नियंत्रण नहीं है. बस सत्ता में बने रहना है क्योंकि रोजाना करोड़ों की कमाई हो रही है. इतनी निकम्मी और भ्रष्ट सरकार तो आज तक देश में नहीं बनी. कुछ इस अंदाज में बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने यूपीए पर हमला बोला.
लोकसभा में अर्थव्यवस्था मुद्दे पर चर्चा के दौरान यशवंत सिन्हा ने केंद्र सरकार पर कई करारे प्रहार किए. उन्होंने देश की कमजोर होती अर्थव्यवस्था के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि देश को ऐसी सरकार की जरूरत नहीं है. साथ ही जनता के बीच जाने के लिए चुनौती भी दे डाली.
यशवंत सिन्हा ने कहा कि बड़े राजकोषीय घाटे की वजह से महंगाई बढ़ रही है. ऊंची कीमतों के कारण ब्याज दरों में बढ़ोतरी होगी. यह एक कुचक्र है. राजकोषीय घाटा का बड़ा हिस्सा चालू खाता घाटे में तब्दील हो जाएगा.'
पूर्व वित्त मंत्री ने सदन में कहा, 'रुपये की कीमत बाजार तय करता था, पर सरकार और रिजर्व बैंक की जिम्मेदारी इसके उतार-चढ़ाव पर नियंत्रण बनाए रखने की होती थी. पर मौजूदा परिस्थिति देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर नहीं है.'
उन्होंने कहा, 'उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 2008 के बाद से 10 के ऊपर रहा है. 2009 के चुनाव के मद्देनजर सरकार ने कुछ गलत फैसले किए उसके नतीजे अब दिख रहे हैं. सरकार अपनी गलतियों के लिए आरबीआई को जिम्मेदार ठहराती है. पर आरबीआई क्या कर सकती है?'
उन्होंने कहा, 'सही फैसले नहीं लेना समस्या है. आज जब अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिल रहे हैं तो सरकार इस बात का रोना रो रही है कि इस सुधार का हम पर बुरा असर हुआ है. पहले जब अमेरिका बुरे दौर से गुजर रहा था तो सरकार कहती थी कि भारतीय अर्थव्यवस्था अमेरिका से प्रभावित हो रही है.'
रुपये की रिकॉर्ड गिरावट पर उन्होंने कहा, 'हमारे पास नीति बनाने का अधिकार नहीं है, क्योंकि हमें जनता ने नहीं चुना. पर जिन्हें चुना गया वो सही फैसले नहीं कर रहे हैं. अगर डॉलर के मुकाबले रुपया 100 के पार भी चला जाएगा. तब भी सरकार का जवाब नहीं बदलेगा.'
यशवंत सिन्हा ने अपने भाषण के दौरान सियासी दांव भी चले. उन्होंने कहा कि हमें ऐसी सरकार नहीं चाहिए. जनता के पास चलो, मैं चुनौती देता हूं. अब जनता ही फैसला करेगी. लेकिन ये गद्दी नहीं छोड़ेंगे. क्योंकि सरकार में रहते हुए इन्हें रोजाना करोड़ों की कमाई हो रही है. देश में विश्वास का संकट पैदा हो गया है. इस वजह से सरकार की अर्थव्यवस्था पर कोई पकड़ नहीं है.
यूपीए को अबतक की भ्रष्टतम सरकार बताते हुए उन्होंने कहा, 'इतनी निकम्मी और भ्रष्ट सरकार आज तक देश में नहीं बनी.'