योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा कि वह डीजल पर सब्सिडी दिये जाने के खिलाफ हैं और भविष्य की उर्जा सुरक्षा के लिये यह जरुरी है कि पेट्रोलियम उत्पादों के दाम उनके अंतरराष्ट्रीय दाम के बराबर हों.
मोंटेक सिंह ने यहां ‘जवाहरलाल नेहरु राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन पर राष्ट्रीय सम्मेलन’ को संबोधित करने के बाद अलग से संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा ‘मैं डीजल पर सब्सिडी दिये जाने के खिलाफ हूं, यदि आप भविष्य की उर्जा सुरक्षा चाहते हैं तो यह जरूरी है कि आपके दाम भी अंतरराष्ट्रीय बाजार के दाम के बराबर होने चाहिये.’
उल्लेखनीय है कि पेट्रोलियम उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय लागत से कम दाम पर बेचने से तेल कंपनियों को हर साल करोडों रुपये का घाटा होता है जिसकी भरपाई सरकारी खजाने से करनी पडती है. चालू वित्त वर्ष में तेल कंपनियों को 65,000 करोड रुपये का घाटा होने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है.
सब्सिडी कम रखने के लिये सरकार ने इस साल जून में पेट्रोल के दाम बाजार पर छोड़ दिये हैं लेकिन डीजल के दाम अभी भी सरकार के स्तर पर तय किये जाते हैं. तेल कंपनियों को डीजल की वर्तमान कीमतों पर 4 रुपये प्रति लीटर से अधिक का नुकसान हो रहा है.
चालू खाते के घाटे के बारे में पूछे जाने पर मोंटेक ने कहा रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय सभी इस पर नजर रखे हुये हैं. उन्होंने कहा ‘यह सही है कि इस साल चालू खाते का घाटा अधिक होगा, लेकिन देश में पूंजी प्रवाह काफी है इसलिये मुझे नहीं लगता कि कोई समस्या होगी. हम इस पर पूरी सावधानी के साथ नजर रखे हुये हैं.’