दिल्ली की नई एक्साइज पॉलिसी को लेकर घमासान जारी है. अब इस मामले में भाजपा सांसद प्रवेश साहिब वर्मा की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार को नोटिस जारी किया है. भाजपा सांसद ने दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के तहत शराब के सेवन की उम्र कम किए जाने के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी. कोर्ट ने दिल्ली सरकार और उसके आबकारी विभाग को 20 सितंबर तक अपना जवाब देने के लिए कहा है.
दिल्ली सरकार ने पिछले महीने एक्साइज पॉलिसी में कई बड़े बदलाव किए हैं. दिल्ली में शराब खरीदने की लीगल उम्र 25 साल थी, जो अब 21 साल कर दी गई है. यानी, 21 साल से कम उम्र के लोग शराब नहीं खरीद सकेंगे. इसके अलावा शराब की दुकानें सरकार नहीं चलाएगी. यानी, अब यहां सरकारी ठेके नहीं होंगे.
नई नीति में और क्या प्रावधान?
नई आबकारी नीति (Delhi Excise policy 2021-22) के तहत दिल्ली में शराब की दुकानें खुली जगह वाली होंगी, उनमें एसी लगे होंगे, जहां धक्का- मुक्की नहीं होगी और लोग ठेके के अंदर जाकर आसानी से अपनी पसंद की शराब खरीद सकेंगे. इसके साथ-साथ क्लब और रेस्तरां में अब रात तीन बजे तक शराब परोसने की इजाजत होगी. इसके अलावा देसी और विदेशी शराब की खुदरा दुकानें (एल-7वी) किसी भी बाजार, मॉल, वाणिज्यिक क्षेत्रों, स्थानीय शॉपिंग कॉम्पलेक्स में कहीं भी खोली जा सकती हैं.
नई पॉलिसी को लेकर विपक्ष हमलावर
उधर, दिल्ली की केजरीवाल सरकार की शराब नीति को लेकर कांग्रेस और भाजपा हमलावर हैं. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने केजरीवाल सरकार की नई एक्साइज पॉलिसी के तहत उम्र सीमा को घटाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा था कि आम आदमी पार्टी की सरकार पूरी तरह से दिल्ली को बर्बाद करने पर लगी हुई है. उधर, कांग्रेस नेता अल्का लांबा ने भी नई एक्साइज पॉलिसी को लेकर केजरीवाल सरकार पर हमला बोला था. उन्होंने उप राज्यपाल से नीति को खारिज करने की मांग की थी.