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दिल्ली में प्रदूषण का स्तर सुधरने में अभी 2-3 दिन और लगेंगेः हर्षवर्धन

हर्षवर्धन ने कहा कि एयर क्वालिटी लेवल खराब होते ही तुरंत टास्क फोर्स की बैठक की. इस टास्क फोर्स के अंदर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ही अधिकारी नहीं होते बल्कि स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े पेशेवर भी होते हैं. हमने इस मामले में देशभर में एडवाइजरी जारी कर दी है और अपने स्तर पर काम शुरू कर दिया है.

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केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डॉ हर्षवर्धन (फाइल फोटो)
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डॉ हर्षवर्धन (फाइल फोटो)

पिछले कई दिनों से दिल्ली और उसके सटे कई क्षेत्रों में फैले प्रदूषण और सांस लेने में दिक्कत पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डॉ हर्षवर्धन का कहना है कि हम अपने स्तर पर काम कर रहे हैं और स्थिति को दुरुस्त होने में 2-3 दिन लगेंगे. साथ ही उन्होंने इसके लिए दिल्ली की आप सरकार पर भी जमकर निशाना साधा.

हर्षवर्धन ने कहा कि एयर क्वालिटी लेवल खराब होते ही तुरंत टास्क फोर्स की बैठक की. इस टास्क फोर्स के अंदर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ही अधिकारी नहीं होते बल्कि स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े पेशेवर भी होते हैं. हमने इस मामले में देशभर में एडवाइजरी जारी कर दी है और अपने स्तर पर काम शुरू कर दिया है.

उन्होंने आगे कहा कि हम लोगों को यह भी कह रहे हैं कि धूल कम से कम निकाले जाएं. हमने राज्य सरकारों से कहा है कि इस संबंध में जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए जाएं. निर्माणाधीन इमारतों पर निर्माण तुरंत बंद कराया जाए, जिससे धूल कम से कम निकले और इस स्थिति पर काबू पाया जा सके.

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केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डॉ हर्षवर्धन का कहना है कि हमारी तरफ से तो एक्शन में किसी तरह की कोई कमी नहीं बरती जा रही है. दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने भी इस संबंध में बैठक की और पर्यावरण की स्थिति सुधारने के कई फैसले लिए.

उन्होंने इस परिस्थिति में दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया कि एक ओर दिल्ली के लोग धूल के कारण इतने तकलीफ में हैं, यहां एक्शन होनी चाहिए, सरकार को स्थिति पर नजर बनाए रखनी चाहिए थी तो मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों के साथ एयर कंडीशन कमरों में लेटे हुए हैं और कह रहे हैं कि हम धरना कर रहे हैं. तीन-चार साल के बाद जब उन्होंने कुछ किया नहीं. आप लोगों की आंख में आप एक तो वैसे धूल झोंक रही थी. ऊपर से यह पर्यावरण की धूल आ गई है. इसको बचाने के लिए भी कुछ ध्यान नहीं दे रहे. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.

प्रदूषण के स्तर के ठीक होने के बारे में हर्षवर्धन का कहना कि जो केंद्र सरकार कर सकती हैं वो कर रही है. मौसम विभाग का कहना है कि अगले दो-तीन दिन में यह सब सही हो जाएगा. उन्होंने कहा कि स्थिति को सही करने के लिए निर्माणकार्य को रोकना होगा, साथ ही जहां-जहां धूल है उसके ऊपर पानी का छिड़काव करना होगा.

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क्या कहता है मौसम विभाग

मौसम विभाग के मुताबिक पिछले 2 दिनों से चल रही धूल भरी गर्म हवाओं की वजह से वातावरण में महीन कणों की मात्रा काफी बढ़ गई है. अनुमान है कि 15 जून की शाम से दिल्ली समेत उत्तर-पश्चिम भारत के तमाम इलाकों में धूल की मात्रा गर्मी शुरू हो जाएगी. ऐसा इसलिए होगा क्योंकि उत्तर पश्चिम भारत में आंधी पानी की एक्टिविटी बढ़ जाएगी.

मौसम विभाग के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव के मुताबिक राजस्थान से आ रही धूल भरी हवाएं जमीन की सतह से ढाई किलोमीटर ऊंचाई तक जा रही है. इन हवाओं की रफ्तार 35 किलोमीटर प्रति घंटे है. राजस्थान से चलकर हवाएं जब दिल्ली के पास पहुंच रही हैं तो यहां पर एंटी साइक्लोनिक सरकुलेशन के चलते पश्चिम उत्तर प्रदेश की तरफ नहीं मुड़ रही है. इस वजह से दिल्ली एनसीआर के ऊपर धूल की मात्रा ज्यादा इकट्ठा हो रही है.

कुलदीप का कहना है कि अगले 24 घंटे में कोई खास बदलाव नहीं होने जा रहा है, लेकिन 15 जून की शाम से राजस्थान से आ रही धूल भरी हवाओं की रफ्तार थोड़ा कम पड़ेगी जिससे दिल्ली-एनसीआर समेत तमाम इलाकों में आ रही धूल की मात्रा कम हो जाएगी. 16 को उत्तराखंड और इससे जुड़े इलाकों में थंडर स्टॉर्म की एक्टिविटी शुरू होने का अनुमान है, इसका सीधा असर उत्तर पश्चिम भारत में धूल भरी हवाओं पर पड़ेगा. लिहाजा यही उम्मीद है 16 से दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में धूल भरी हवाओं का कहर काफी हद तक कम हो जाएगा.

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