कांग्रेस ने कहा है कि लोकसभा में पार्टी के किसी सांसद को अगर नेता प्रतिपक्ष की हैसियत नहीं दी गई, तो इस स्थिति में वह अदालत का सहारा लेगी.
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया, 'अदालत का दरवाजा खटखटाना एक विकल्प है, लेकिन अभी हम इंतजार करेंगे.' सूत्र ने हालांकि यह भी कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा चल रही है, अंतिम फैसला अभी नहीं लिया गया है.
लोकसभा में 44 सीटों के साथ कांग्रेस दूसरे नंबर की पार्टी है. लेकिन 545 सदस्यों वाले सदन में नेता प्रतिपक्ष की हैसियत के लिए अनिवार्य 55 सदस्य संख्या से पार्टी पिछड़ रही है. बीजेपी इसी नियम का हवाला देते हुए कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष पद न देने पर तुली हुई है.
नेता विपक्ष को लेकर कांग्रेस में भी दो राय
लोकसभा में विपक्ष के नेता को लेकर भी कांग्रेस में ही दो अलग-अलग राय सामने आ गई है. एक धड़ा कह रहा है कि नियम के मुताबिक नेता विपक्ष बनाया जा सकता है, तो वहीं दूसरा धड़ा कह रहा है कि कानून के मुताबिक कांग्रेस को नेता विपक्ष बनाना मुश्किल है.
कांग्रेस सरकार पर इस बात को लेकर दबाव बनाए हुए है कि सबसे अधिक संख्या वाली विपक्षी पार्टी को यह पद दिया जाना चाहिए, लेकिन सरकार के कान पर अभी तक जूं नहीं रेंगे हैं.
इस मसले को लेकर लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और मुख्य सचेतक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से मुलाकात की थी.