सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा में विपक्ष के नेता के मुद्दे पर कांग्रेस पर तंज कसा है. संसदीय मामलों के मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि लोगों ने इस पद के लिए किसी पार्टी को नहीं चुना है, इसके बावजूद यह विषय अब तक बंद नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस जनादेश की भावना को समझ पाने में सक्षम नहीं है.
वेंकैया ने कहा, 'कांग्रेस को अपनी करारी हार का आत्मावलोकन करना चाहिए. लोगों ने किसी को विपक्ष का नेता नहीं चुना है और यही स्थिति है. लेकिन मैं इस मुद्दे को बंद नहीं कर रहा हूं. अगर किसी पार्टी को 55 सीटें मिली हैं तो इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं होनी चाहिए. यह स्पीकर का विशेषाधिकार है.'
नायडू संसद में राष्ट्रपति के संबोधन पर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे. राष्ट्रपति के अभिभाषण की सराहना करते हुए नायडू ने कहा कि इसने एक मजबूत और स्थिर भारत के लिए सही दिशा, सही प्राथमिकता और सही रुख दिखाया है. उन्होंने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर अगले दो दिनों में चर्चा होगी और इस दौरान प्रश्नकाल नहीं होगा.
नायडू ने कहा कि बीजेपी नेता राजीव प्रताप रूडी मंगलवार को चर्चा की शुरुआत करेंगे जिसे केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान आगे बढ़ाएंगे. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज चर्चा में हस्तक्षेप करेंगी. राज्यसभा में बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी चर्चा की शुरुआत करेंगे जिसे जेपी नड्डा आगे बढ़ाएंगे, जबकि सदन के नेता एवं वित्त मंत्री अरुण जेटली इसमें हस्तक्षेप करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार शाम लोकसभा में चर्चा का जवाब देंगे और इसके बाद उसी दिन राज्यसभा में जवाब देंगे. नायडू ने पोलावरम परियोजना के खिलाफ लोकसभा में टीआरएस और बीजेडी सदस्यों की ओर से तख्तियां दिखाए जाने को नामंजूर कर दिया और उनसे सदन में ऐसी हरकतों से दूर रहने की अपील की. उन्होंने कहा, हम किसी भी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं. एक मजबूत और स्थिर सरकार और कामकाजी संसद मुहैया करने के लिए हमें लोगों से मिले जनादेश के साथ एक नई शुरुआत करनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'मैं उनसे सदन में तख्तियां और बैनर न लाने की अपील करता हूं. इसकी इजाजत नहीं है.'